Thursday, April 23, 2020

चुटकी

उससे जब इश्क किया था मैंने,
जिंदगीभर का रिस्क लिया था मैंने,
शादी न हो तो न कहलवाना मामू हमें,
ये भी उसी दिन फिस्क किया था मैंने।
                             

कोरोना के दोहे


                        (1)
कोरोना कहे मोदी से तू क्यूं रौंदे मोये।
मौलाना कुछ मिल जाएं बस मैं रौंदूंगा तोये।।
                         (2)
जाती न पूछो 'वायरस' की, पूछ लीजिये प्रभाव।
किसी पर न करना भरोसा, अपने ही देंगे घाव।।
                         (3)
कोरोना-कोरोना सब करे, उपाय करे न कोये।
जो सब उपाय करे, तो कोरोना कायको होये।।
                         (4)
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे मौलाना हुजूर।
हरकत कर दी ऐसी, कोरोना फैला सब दूर।।
                         (5)
मौलाना खड़ा बाज़ार में, पूछे सबकी खैर।
कोरोना एक मिल गया, ले लिया सबसे बैर।।

कोरोना तेरी ऐसी-तैसी

हालत कर दी हमारी कैसी,
'कोरोना' तेरी ऐसी-तैसी।।

सूने पड़े हैं सभी टाउन,
सेंसेक्स की हालत भी है डाउन,
मिलों, कारखानों में ताले हैं,
मजदूरों के खाने के लाले हैं,
अर्थव्यवस्था बहुत मंद है,
मिलना-जुलना तक बंद है,
हालत कभी नहीं देखी ऐसी,
'कोरोना' तेरी ऐसी-तैसी।।

घरों में हो गए हैं सभी कैद,
बाहर खड़ी पुलिस मुस्तैद,
घूमने के अरमान हो रहे ठंडे,
घर से निकलो तो पड़ते डंडे,
सबका सुख-चैन रहा है छिन,
सोच रहे हैं कैसे कटेंगे दिन,
स्थिति हो रही पागलों जैसी,
'कोरोना' तेरी ऐसी-तैसी।।

तुम घटिया वायरस निकले चीन से,
इलाज नहीं तुम्हारा कोई वैक्सीन से,
पूरी दुनिया को हिला दिया है,
हजारों को मौत के मुंह में सुला दिया है,
कोई लगा रहा अस्पतालों के चक्कर,
कोई उपाय कर रहा है देसी,
'कोरोना' तेरी ऐसी-तैसी।।

हालत कर दी हमारी कैसी,
'कोरोना' तेरी ऐसी-तैसी।।
                  - सुमित राठौर