रेलवे आरक्षण, धार्मिक आरक्षण, जाति आरक्षण, महिला आरक्षण, आरक्षण में आरक्षण, पदोन्नती में आरक्षण, प्रकाश झा की फिल्म 'आरक्षण' इतने सारे आरक्षण का प्रभाव रामदीन जी के घर पलने वाले पालतु पशुओं पर भी पडऩे लगा है। हर रोज कोई न कोई जानवर उनके सामने खड़े होकर अपनी समस्या बताने लगता है। रामदीन जी भी बड़े चालाक हैं कि आरक्षण का लालच देकर सभी को अपने बंधन में फांस रखा है।
कल सुबह की बात है। रामदीन का कालू (कुत्ता) उनके पास आया और बोला- 'मुझे आरक्षण चाहिए।' कालू बोला-'साब! रामू (हाथी) हमसे काफी ताकतवर है। वह बहुत शक्तिशाली है इसलिए अपने भोजन पानी की व्यवस्था स्वयं कर लेता है। वह दूसरे के हिस्से पर भी मुंह मारता-फिरता है। कल ही उसने हमारे हिस्से की भी रोटी खाली ली। हमारे खाने के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा। गोलू (शेर) भी हम जैसे छोटे लोगों पर काफी अत्याचार करता है। वह हमें डरा धमकाकर हमसे भोजन आदि की व्यवस्था करने के लिए दबाव बनाता है।'
कालू चुप हुआ तो रानी (बिल्ली) भी बोल पड़ी-'हां! मालिक मुझे भी मेरा परिवार पालने में काफी परेशानी हो रही है। मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। आप तो जानते ही हैं कि आजकल चूहों की संख्या भी कम हो रही है। दूध पीने के लिए घर-घर भटकना पड़ता है। और तो और मैं स्त्री जाति की भी हूं इसलिए हमारी इस जाति को विशेष आरक्षण मिलना चाहिए। मुझे लगता है कि हमारे लिए दूध की अलग से व्यवस्था होनी चाहिए।' रानी ने दबाव बनाते हुए कहा-'देखिए आप हमारी बात मान लिजिए, नहीं तो हमें मजबूरन आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।'
इसके बाद कालू ने विरोध करते हुए कहा- 'साब! आपने अगर रानी के समाज को अधिक महत्व दिया तो अच्छा नहीं होगा। हमारे समाज ने भी अण्णा हजारे की तरह 'नाक दबाकर मुंह खुलवाने' की योजना बना ली है।' हमारा समाज आपकी नाक में दम कर देगा।
लेकिन रामदीन जी भी अपना चिडिय़ाघर चलाना अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने परेशान जानवरों को बताया कि मैं तो चाहता हूं कि आपके समाज को उन्नती, अच्छा भोजन, अच्छा रहन-सहन मिले लेकिन कम्बख्त आपके पड़ोसी (विपक्षी) हमें ऐसा करने ही नहीं देते। चिंता मत कीजिए कुछ दिन और सहन कीजिए मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आपको आपका हक दिलाया जाएगा। एक काम कीजिए आपकी जो-जो मांगें हैं कृपया एक प्रस्ताव बनाकर मेरे समक्ष प्रस्तुत कीजिए। आरक्षण सभी को मिलेगा।
रामदीन जी के इस आश्वासन का लॉलीपॉप चूसते हुए कालू और रानी शांत हो गए। मैं तो पहले से ही शांत बैठा हुआ था। थोड़ी देर बाद मैं भी अपने बिल (घर) में आ गया।
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