भ्रष्टाचार सूंघ लेते हैं,
हर रास्ता ढूंढ लेते हैं,
आंखों को मूंद लेते हैं,
चालाकी भी गूंद लेते हैं,
झूठों के वे रखवाले हैं,
वो बड़ी नाक वाले हैं...
झूठी कसमें खाते हैं,
फिर बड़ा इतराते हैं,
गरीबी सा हाल दिखाकर
शीशमहल बनवाते हैं,
उनके खेल निराले हैं,
वो बड़ी नाक वाले हैं…
लालच में ऐसी मती फिरी,
एक बोतल पर एक फ्री
दलालों से सरकार घिरी
उनकी बढ़ती साख गिरी
फिर भी मुगालता पाले हैं
वो बड़ी नाक वाले हैं...
ईमानदारी पर लगा डंक,
जेल जाने का मिला कलंक,
फिर दिखाया अपना रंग
'आतिशी' को दे दी जंग,
सीएम खाली कुर्सी वाले हैं,
वो बड़ी नाक वाले हैं...