Monday, June 23, 2014

चुटकी


प्यारी जनता के सपने टूट रहे हैं,
'अच्छे दिनों' के वादे भी फूट रहे हैं।
क्या सत्ता देकर कर दी कोई गलती,
अच्छे-अच्छे माथा अपना कूट रहे हैं।।

सुमित 'सुजान'

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