ग्वालियर की जनता कभी प्यासी न होती
न तिघरा खाली होता, कोई चिंता न होती
चंबल का पानी तो कब का आ जाता दोस्तों
बात-बात पर अगर कम्बख्त सियासत न होती
न तिघरा खाली होता, कोई चिंता न होती
चंबल का पानी तो कब का आ जाता दोस्तों
बात-बात पर अगर कम्बख्त सियासत न होती
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