देश एक बार फिर आरक्षण की आग में
झुलसता दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां कुछ समुदाय आरक्षण दिए जाने की मांग
को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी ओर आरक्षण पर नए सिरे से विचार किए
जाने की चर्चाएं चल रही हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच क्या इस बात पर विचार
किया जा सकता है कि आरक्षण का लाभ अभ्यार्थी को केवल एक बार ही मिले।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं, पढ़ाई के समय अथवा
नौकरी जैसे किसी एक विकल्प को चुनना होगा। अगर सरकार ऐसी व्यवस्था करती है
तो किसी न किसी स्थान पर सभी वर्ग एक साथ दिखाई देंगे। यही समय की मांग है।
26 सितम्बर 2015 को स्वदेश में प्रकाशित जनमानस।
26 सितम्बर 2015 को स्वदेश में प्रकाशित जनमानस।
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