मंदिर-मस्जिद छोड़ो, पहले प्यारा हिंदुस्तान बना दो,
बेरोजगारों को दुकान और गरीबों को मकान बना दो।
और है अगर ज़िद तुम्हारी मंदिर और उनकी मस्जिद बनाने की,
तो रुको! सबसे पहले कुछ श्मशान और कुछ कब्रिस्तान बना दो।।
-सुमित राठौर
बेरोजगारों को दुकान और गरीबों को मकान बना दो।
और है अगर ज़िद तुम्हारी मंदिर और उनकी मस्जिद बनाने की,
तो रुको! सबसे पहले कुछ श्मशान और कुछ कब्रिस्तान बना दो।।
-सुमित राठौर
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