सबका सुमित
Saturday, September 22, 2018
चुटकी
सबके मन में चिंता थी,
आंखें सबकी नम थीं।
भूकंप तो आया मित्रों,
तीव्रता बहुत कम थी।
-सुमित राठौर
चुटकी
माल्या ने बहुत लूटा, उसके कई धंधे थे,
बैंकों ने भी लुटाया, अफसर सारे अंधे थे।
एक-दूसरे पर आरोप लगाने से क्या होगा,
हमें पता है नेताओं, हमाम में सभी नंगे थे।।
- सुमित राठौर
चुटकी
भक्ति होती है भजन में,
शक्ति होती है भजन में।
जलोटा जैसी हो जब मुराद,
सच्ची होती है भजन में।।
- सुमित राठौर
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