Wednesday, December 28, 2022

चुटकी

शीत लहर आए या फिर आँधी,
चमचों की दुआएँ सर पे बाँधी,
जयराम ने बताई राज की बात,
मोटी चमड़ी के हैं राहुल गाँधी।

चुटकी

जस्ट चिल-चिल, जस्ट चिल-चिल,
दोनों ने समझा एकदूजे को काबिल,
लंदन की धरा से बोला ललित मोदी, 
सुष्मिता से लग गया है मेरा दिल।

Wednesday, August 31, 2022

कुत्तों का आत्मसम्मान


- सुमित राठौर 
किस्सा आज सुबह का है। हमारा पालतू कुत्ता शेरू कहीं मिल नहीं रहा है। थोड़ी देर पहले तो घर पर ही था। लेकिन बाहर से कुछ भौंकने की आवाजें आने के बाद वह कहीं चला गया था। सोचा अभी आता ही होगा, लेकिन 1 घंटा बीतने के बाद  जब वह नहीं आया ताे चिंता होने लगी। मैंने तुरंत उसे ढूंढने के प्रयास शुरू कर दिए। अपनी कॉलोनी से थोड़ा आगे पहुंचा तो एक पार्क से भौंकने की आवाजें आ रही थीं। मैं पार्क में ही पहुंच गया। वहां देखा तो मैं आश्चर्यचकित था। हमारे शेरू के साथ कुछ 25 से 30 कुत्ते एक गोल घेरा बनाकर बैठै हुए थे। लगा जैसे कोई सभा चल रही थी। करीब आधे घंटे बाद जब  शेरू ने मुझे देखा तो वह तुरंत मेरे पास आया। मैंने उसे पुचकारा और घर चलने के लिए कहा। वह बड़ा चिंतित सा लग रहा था। मुझे भी यह जानना था कि यह सभा किसलिए बुलाई गई थी। शेरू के उठते से ही सभा समाप्त हुई। सभी भौंकते-भौंकते विदा हुए। 
घर चलते-चलते शेरू ने बताया- 
'हम कुत्तों की भी एक एसोसिएशन है। मॉर्निंग डॉग्स एसोसिएशन।'
हमारा एसोसिएशन समय-समय पर कुत्तों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर चिंता व्यक्त करता है। आपने पढ़ा ही होगा कि दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में हमारे एक साथी को सैर कराने पर एक आईएएस दंपति का ट्रांसफर कर दिया गया। पति को लद्दाख तो पत्नी को अरुणाचल प्रदेश भेज दिया गया। हमारे उस साथी को उस दिन घूमने नहीं दिया गया। काफी तनाव में रहा होगा वो। अगले दिन से उस स्टेडियम में भविष्य में अब वह कभी नहीं घूम पाएगा। हम लोगों ने उस कुत्ते के समर्थन में आज सभा बुलाई थी। स्टेडियम में घूमने पर उस बेचारे कुत्ते का क्या दोष। दिल्ली में जो भी हुआ उसे लेकर भी हमारे कई साथियों में आक्रोश है। क्या आपको पता है लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश की दूरी 3464 किलोमीटर है। अब वह कहां जाएगा अरुणाचल प्रदेश या लद्दाख, सोचिए जरा....। 
पूरा कुत्ता समाज इस फैसले से बहुत नाराज है। 
शेरू गुर्रराते हुए बोला- 
'हम इतने गए बीते भी नहीं हैं, हमारा भी कुछ आत्मसम्मान है।' 
हमने कई फिल्मों में काम किया है। तेरी मेहरबानियां फिल्म तो याद होगी आपको। कुत्ता किस प्रकार अपनी वफादारी दिखाते हुए अपने मालिक की हत्या का बदला लेता है। 
हम सेनाओं में अपनी सेवाएं देते हैं। 
हमारा एक विशेष डॉग्स क्वॉवड होता है। 
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 1957 में अंतरिक्ष में जाने वाला पहला जानवर भी एक हमारी ही जाति की एक कुतिया लाइका थी। 
अभी हाल ही में अमेरिका के साउथ कैरोलिन में एक पैबल्स नाम के कुत्ते ने सबसे उम्रदराज 22 वर्ष होने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उसे एक प्रमाण पत्र भी दिया है। इंस्टाग्राम पर पैबल्स के मालिक ने उसके नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है, जिसमें पैबल्स की हर तरह की एक्टिविटीज की वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की जाती हैं। पैबल्स के 5 हजार से ज्यादा फोलोवर्स भी हैं।'
'तमिलनाडु के शिवगंगा में 80 साल के एक बुजुर्ग को अपने पालतू कुत्ते टॉम से इतना लगाव था कि उसके मरने के बाद उस बुजुर्ग ने अपने कुत्ते की याद में मंदिर ही बनवा दिया। 80 हजार रुपये खर्च करके कुत्ते की एक ब्लैक मार्बल की मूर्ति बनवाई। अपने कुत्ते के मंदिर पर वो इंसान आज भी नारियल का प्रसाद और फूलों की माला भी चढ़ाता है।' 
दिल्ली में एक खिलाड़ी की चक्कर में हमारे उस साथी की कितनी तकलीफें बढ़ गई होंगी। 
'शेरू फिर गुर्राया'-   
मैं अपने शेरू की इस कुत्तई के बारे में कभी नहीं जानता था। वह अपने जैसे और कुत्तों के बारे में कितना सोचता है। 
'शेरू ने बात आगे बढ़ाई-' 
आज हमारी एसोसिएशन ने कुछ प्रस्ताव पास किए हैं। 
पहला- कोई भी हमें अपने साथ रखे लेकिन हमें सुबह और शाम प्रतिदिन 1 घण्टे की सैर जरूर कराए। 
दूसरा- हमारे स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाए। 
तीसरा- खाने को लेकर सप्ताह भर में कुछ नया आयटम मिलना चाहिए। कुछ लोग सिर्फ दूध रोटी खिलाकर ही हमें पालते हैं, वो ठीक नहीं है। 
चौथा- हम कही भीं अपनी टांग उठाकर दीवारों, खंबों पर मूत्र विर्सजन आदि कर सकते हैं, हमारे लिए कोई रोक-टोक नहीं होगी। 
पांचवा- हमें वीआईपी ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। 
अपने शेरू के विचार सुनकर मैं बहुत प्रभावित था। लेकिन मैंने उसे समझाया कि दिल्ली के स्टेडियम में जो हुआ उसके लिए तो आइएएस दंपति ही दोषी हैं। किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा कैसे व्यवहार किया जा सकता है। खिलाड़ी भी देश की शान होते हैं। मैं मानता हूं कि अफसर के कुत्ते का दोष नहीं है लेकिन अफसर को तो कुछ सोचना चाहिए था। अपने कुत्ते को घुमाने के लिए एक एथलीट को रोकना गलत था, जिसकी उन्हें सजा मिली। 
मेरे इतना कहते ही शेरू नाराज हो गया, मुझ पर ही भौंकने लगा- 
लगा जैसे कह रहा हाे कि आप भी न उस खिलाड़ी के पक्ष में बोल रहे हो। 
भौंकते-भौंकते उसने मेरे हाथों से अपनी जंजीर छुड़ाई और तेज भागता हुआ कहीं चला गया। अभी तक नहीं मिल रहा है। 
मैं सोच रहा था कि खिलाड़ी, आइएएस खिरवार दंपति और उनका कुत्ता अगर साथ में टहल लेते तो कितना अच्छा होता। 
सोच रहा हूं कि मैं किसे दोष दूं- खिलाड़ी को, आइएएस अफसर दंपति को, उनके कुत्ते को या फिर गृह मंत्रालय को जिन्होंने ट्रांसफर का आदेश निकाला। 
दोषी कोई भी हो लेकिन मुझे दु:ख इस बात कहा कि इन लोगों के झगड़े में मेरा शेरू नाराज हो गया। 
यह विवाद नहीं होता तो वह मुझसे बिछड़ता तो नहीं……। 
ऐसा लग रहा है जैसे कुत्तों का आत्मसम्मान आदमियों से ज्यादा बढ़ गया है। 
मुझे तो समझ नहीं आ रहा है कि सजा किसे मिली है- आइएएस दंपति को, उस कुत्ते को, मेरे शेरू को या फिर मुझे।  

चमत्कारिक कुर्सियां


बात कुछ दिन पुरानी है। मैं अपने मित्र के साथ दिल्ली में था। हम लोग कुछ काम के सिलसिले में गये थे। सुबह से शाम हो गई लेकिन काम नहीं मिला। इसके बाद शाम को चांदनी चौक पर आ गए। वहां शाम को घूमते हुए अजीबो-गरीब कुर्सियों की एक दुकान हमने देखी। एक दुकानदार कुछ कुर्सियां बेच रहा था। बहुत ही सुंदर-सुंदर कुर्सियां थीं। दुकानदार ने कुछ कुर्सियों पर उनकी विशेषताएं लिख रखी थीं। मैंने देखा एक कुर्सी पर लिखा था- 'इस कुर्सी पर बैठते ही आप झूठ बोलने लगेंगे।' एक के बाद एक झूठ बोलते हुए आप यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि आप कट्टर ईमानदार हैं। इसी तरह दूसरी कुर्सी पर लिखा था इस कुर्सी पर बैठते ही आपकी याददाश्त उतने समय तक के लिए जा सकती है, जितना समय आप चाहते हैं। एक कुर्सी पर दंगा करने के विचार आने लगेंगे, ऐसा लिखा था । इन विशेषताओं को देखकर हम बड़े आश्चर्यचकित थे। विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कुर्सियां इतनी चमत्कारी हैं। 

मेरे मित्र ने दुकानदार से सवाल किया कि आपने इन कुर्सियों पर जो लिखा है, वह वैसा काम करती है यह कैसे माना जाए। तो दुकानदार ने मित्र को आमंत्रित किया कि आप दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन जी की इस कुर्सी पर बैठकर देखिए। मेरा मित्र जैसे ही उस कुर्सी पर बैठा तो उसे लगा कि उससे सीबीआई और ईडी जैसे अधिकारी सवाल कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद उसकी याददाश्त चली गई। उसने मुझे ही पहचानने से इनकार कर दिया। मैंने दुकानदार से निवेदन किया तब उसने मित्र को कुर्सी से उतारा। अब हमें पूरा विश्वास हो गया था कि कुर्सी वाकई में चमत्कारी हैं। हमने सवाल किया कि आपने इन कुर्सियों में चमत्मकारी गुण डाले तो उसका जवाब था कि कुछ नहीं साहब मैंने इन कुर्सियों को बनाते समय इन नेताओं के चित्र दिखा दिए थे। कुर्सियों को बनाते समय मैं इन नेताओं के चरित्र भी बताते जाता था। ऐसा करते-करते इन कुर्सियों ने अपना चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया। हमने देखा उसकी दुकान पर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, सत्येन्द्र जैन, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला, सोमनाथ भारती, ताहिर हुसैन, अमानतुल्ला खान जैसे नेताओं के चित्र लगे हुए थे। मेरे मित्र ने सवाल किया आपके पास इनके अलावा कुछ और विशेष कुर्सियां भी हो ताे बताइये। दुकानदार भीतर से दो और कुर्सियां लेकर आया। उसने कहा- यह कुर्सी ले लो साहब! इस पर बैठते से ही आप अपने आपको महाराणा प्रताप का वंशज तक समझने लगेंगे। भरत रत्न मिले ऐसे प्रयास शुरू हो जाएंगे। 

दूसरी कुर्सी दिखाते हुए बोला- यह वाली ले लो! 

आप इस पर बैठकर थूक कर चाट सकते हैं। पहले आप लोगों पर आरोप पर आरोप लगाना। जब आप पर मानहानी केस लगे तो आप बाद में माफी मांग लेना। इस पर बैठकर आप अपनी तुलना प्रधानमंत्री से कर सकते हैं। प्रधानमंत्री बनने के सपने देख सकते हो। सत्ता के स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। रेवड़ी बांटने का मन करेगा। इस कुर्सी पर बैठकर आपका मन उतरने का नहीं करेगा। फैविकोल जैसे चिपक जाओगे साहब! 

हम इतनी चमत्कारी कुर्सियां देखकर हम दंग थे। हमें लगा कि इन कुर्सियों में कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। 

मेरे मित्र ने सवाल किया कि आपने कोई ऐसी कुर्सी नहीं बनाई जिस पर बैठकर सच बोला जा सके, जिस पर बैठकर महंगाई, बेरोजगारी, कुपोषण, हिंसा, भेदभाव, धार्मिक कट्टरता, आतंकवाद, अशिक्षा, महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार, भुखमरी, रोटी, कपड़ा, मकान जैसी समस्याएं समाप्त की जा सकें। 

इस पर दुकानदार मायूस होकर बोला- साहब! 75 साल से मैं ऐसी ही कुर्सी बनाने की कोशिश आज तक कर रहा हूं लेकिन अभी तक बना नहीं पाया।     

Thursday, July 14, 2022

चुटकी

भारत की बदनामी तो करेंगे ही,
वो झूठे आरोप भी तो गढ़ेंगे ही,
हम समझते हैं परेशानी इनकी,
शेर दहाड़ेगा तो 'गधे' डरेंगे ही।

Monday, July 11, 2022

चुटकी

पंजाब से आई है ये खबर बिल्कुल ताजा
मुख्यमंत्री ने खुद बजवाया अपना बाज़ा
जनता की छोड़ खुद की फिक्र है उनको
इसे ही कहते हैं, अंधेर नगरी चौपट राजा

Monday, January 24, 2022

चुटकी

रोएगा मौर्य, अखिलेश पछतायेगा,
पप्पू भी बेचारा मुँह की ही खायेगा,
योगी जी आप देखो चिंता न करो,
बहू आ गई है, बहुमत भी आएगा।

Thursday, January 13, 2022

चुटकी

किसी भी हद तक बढ़ सकती हूँ,
भैया के पीछे भी पड़ सकती हूँ,
छटपटा रही दीदी सत्ता के लिए,
बोली- लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ।।