Wednesday, August 31, 2022

कुत्तों का आत्मसम्मान


- सुमित राठौर 
किस्सा आज सुबह का है। हमारा पालतू कुत्ता शेरू कहीं मिल नहीं रहा है। थोड़ी देर पहले तो घर पर ही था। लेकिन बाहर से कुछ भौंकने की आवाजें आने के बाद वह कहीं चला गया था। सोचा अभी आता ही होगा, लेकिन 1 घंटा बीतने के बाद  जब वह नहीं आया ताे चिंता होने लगी। मैंने तुरंत उसे ढूंढने के प्रयास शुरू कर दिए। अपनी कॉलोनी से थोड़ा आगे पहुंचा तो एक पार्क से भौंकने की आवाजें आ रही थीं। मैं पार्क में ही पहुंच गया। वहां देखा तो मैं आश्चर्यचकित था। हमारे शेरू के साथ कुछ 25 से 30 कुत्ते एक गोल घेरा बनाकर बैठै हुए थे। लगा जैसे कोई सभा चल रही थी। करीब आधे घंटे बाद जब  शेरू ने मुझे देखा तो वह तुरंत मेरे पास आया। मैंने उसे पुचकारा और घर चलने के लिए कहा। वह बड़ा चिंतित सा लग रहा था। मुझे भी यह जानना था कि यह सभा किसलिए बुलाई गई थी। शेरू के उठते से ही सभा समाप्त हुई। सभी भौंकते-भौंकते विदा हुए। 
घर चलते-चलते शेरू ने बताया- 
'हम कुत्तों की भी एक एसोसिएशन है। मॉर्निंग डॉग्स एसोसिएशन।'
हमारा एसोसिएशन समय-समय पर कुत्तों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर चिंता व्यक्त करता है। आपने पढ़ा ही होगा कि दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में हमारे एक साथी को सैर कराने पर एक आईएएस दंपति का ट्रांसफर कर दिया गया। पति को लद्दाख तो पत्नी को अरुणाचल प्रदेश भेज दिया गया। हमारे उस साथी को उस दिन घूमने नहीं दिया गया। काफी तनाव में रहा होगा वो। अगले दिन से उस स्टेडियम में भविष्य में अब वह कभी नहीं घूम पाएगा। हम लोगों ने उस कुत्ते के समर्थन में आज सभा बुलाई थी। स्टेडियम में घूमने पर उस बेचारे कुत्ते का क्या दोष। दिल्ली में जो भी हुआ उसे लेकर भी हमारे कई साथियों में आक्रोश है। क्या आपको पता है लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश की दूरी 3464 किलोमीटर है। अब वह कहां जाएगा अरुणाचल प्रदेश या लद्दाख, सोचिए जरा....। 
पूरा कुत्ता समाज इस फैसले से बहुत नाराज है। 
शेरू गुर्रराते हुए बोला- 
'हम इतने गए बीते भी नहीं हैं, हमारा भी कुछ आत्मसम्मान है।' 
हमने कई फिल्मों में काम किया है। तेरी मेहरबानियां फिल्म तो याद होगी आपको। कुत्ता किस प्रकार अपनी वफादारी दिखाते हुए अपने मालिक की हत्या का बदला लेता है। 
हम सेनाओं में अपनी सेवाएं देते हैं। 
हमारा एक विशेष डॉग्स क्वॉवड होता है। 
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 1957 में अंतरिक्ष में जाने वाला पहला जानवर भी एक हमारी ही जाति की एक कुतिया लाइका थी। 
अभी हाल ही में अमेरिका के साउथ कैरोलिन में एक पैबल्स नाम के कुत्ते ने सबसे उम्रदराज 22 वर्ष होने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उसे एक प्रमाण पत्र भी दिया है। इंस्टाग्राम पर पैबल्स के मालिक ने उसके नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है, जिसमें पैबल्स की हर तरह की एक्टिविटीज की वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की जाती हैं। पैबल्स के 5 हजार से ज्यादा फोलोवर्स भी हैं।'
'तमिलनाडु के शिवगंगा में 80 साल के एक बुजुर्ग को अपने पालतू कुत्ते टॉम से इतना लगाव था कि उसके मरने के बाद उस बुजुर्ग ने अपने कुत्ते की याद में मंदिर ही बनवा दिया। 80 हजार रुपये खर्च करके कुत्ते की एक ब्लैक मार्बल की मूर्ति बनवाई। अपने कुत्ते के मंदिर पर वो इंसान आज भी नारियल का प्रसाद और फूलों की माला भी चढ़ाता है।' 
दिल्ली में एक खिलाड़ी की चक्कर में हमारे उस साथी की कितनी तकलीफें बढ़ गई होंगी। 
'शेरू फिर गुर्राया'-   
मैं अपने शेरू की इस कुत्तई के बारे में कभी नहीं जानता था। वह अपने जैसे और कुत्तों के बारे में कितना सोचता है। 
'शेरू ने बात आगे बढ़ाई-' 
आज हमारी एसोसिएशन ने कुछ प्रस्ताव पास किए हैं। 
पहला- कोई भी हमें अपने साथ रखे लेकिन हमें सुबह और शाम प्रतिदिन 1 घण्टे की सैर जरूर कराए। 
दूसरा- हमारे स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाए। 
तीसरा- खाने को लेकर सप्ताह भर में कुछ नया आयटम मिलना चाहिए। कुछ लोग सिर्फ दूध रोटी खिलाकर ही हमें पालते हैं, वो ठीक नहीं है। 
चौथा- हम कही भीं अपनी टांग उठाकर दीवारों, खंबों पर मूत्र विर्सजन आदि कर सकते हैं, हमारे लिए कोई रोक-टोक नहीं होगी। 
पांचवा- हमें वीआईपी ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। 
अपने शेरू के विचार सुनकर मैं बहुत प्रभावित था। लेकिन मैंने उसे समझाया कि दिल्ली के स्टेडियम में जो हुआ उसके लिए तो आइएएस दंपति ही दोषी हैं। किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा कैसे व्यवहार किया जा सकता है। खिलाड़ी भी देश की शान होते हैं। मैं मानता हूं कि अफसर के कुत्ते का दोष नहीं है लेकिन अफसर को तो कुछ सोचना चाहिए था। अपने कुत्ते को घुमाने के लिए एक एथलीट को रोकना गलत था, जिसकी उन्हें सजा मिली। 
मेरे इतना कहते ही शेरू नाराज हो गया, मुझ पर ही भौंकने लगा- 
लगा जैसे कह रहा हाे कि आप भी न उस खिलाड़ी के पक्ष में बोल रहे हो। 
भौंकते-भौंकते उसने मेरे हाथों से अपनी जंजीर छुड़ाई और तेज भागता हुआ कहीं चला गया। अभी तक नहीं मिल रहा है। 
मैं सोच रहा था कि खिलाड़ी, आइएएस खिरवार दंपति और उनका कुत्ता अगर साथ में टहल लेते तो कितना अच्छा होता। 
सोच रहा हूं कि मैं किसे दोष दूं- खिलाड़ी को, आइएएस अफसर दंपति को, उनके कुत्ते को या फिर गृह मंत्रालय को जिन्होंने ट्रांसफर का आदेश निकाला। 
दोषी कोई भी हो लेकिन मुझे दु:ख इस बात कहा कि इन लोगों के झगड़े में मेरा शेरू नाराज हो गया। 
यह विवाद नहीं होता तो वह मुझसे बिछड़ता तो नहीं……। 
ऐसा लग रहा है जैसे कुत्तों का आत्मसम्मान आदमियों से ज्यादा बढ़ गया है। 
मुझे तो समझ नहीं आ रहा है कि सजा किसे मिली है- आइएएस दंपति को, उस कुत्ते को, मेरे शेरू को या फिर मुझे।  

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