Tuesday, April 10, 2012

हम और कितनी करें कार्रवाई साहब !

          
              अमेरिका की पत्रिका फोब्र्स यदि दुनिया के सबसे भोले आदमी का पता लगाए तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वह भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सिवा कोई दूसरा हो ही नहीं सकता! वैसे तो उनके भोलेपन के कई किस्से देशवासियों ने सुने और देखे हैं लेकिन अभी हाल में जो देखा, वह उनके भोलेपन की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ा देता है। लगता है वह भोलेबाबा बनने की कोशिश कर रहे हैं!
           भगवान भोलेनाथ भी भोले थे। लेकिन इतने भी नहीं थे कि गुस्सा न आए। उनकी जब तीसरी आंख खुलती थी तो सामने वाला राख हो जाता था। लेकिन हमारे भोलेबाबा की भी अच्छी भली दो आंखें हैं। लेकिन परेशानी यह है कि यह हमेशा बंद रहती हैं। जब हमारे देश में अरुणाचल प्रदेश की जमीन पर कब्जा करने वाले चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ आते हैं  तब भी और देश में आतंकवादी हमले कराने वाले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी आते हैं, तब भी।
             हमारे प्रधानमंत्री के भोलेपन के बारे में राष्ट्रपति जरदारी भी पहले नहीं जानते थे। लेकिन भारत आने पर नई दिल्ली में चालीस मिनट तक चर्चा के बाद उन्हें भी समझ में आ गया। राष्ट्रपति जरदारी ने जब उनसे भारत और पाकिस्तान के संबंध मधुर बनाने की बात कही तब प्रधानमंत्री ने भी उतनी ही मधुरता से जवाब दिया कि 'आप दुश्मनों पर कार्रवाई करो तभी दोस्ती होगी।' उनकी इस बात जरदारी जयपुर से पाकिस्तान जाने तक मुस्कुराते रहे।
               हालांकि मैं उस बैठक में नहीं था। लेकिन जिस प्रकार जरदारी मुस्कुरा रहे थे जो उसको देखकर यह जरूर कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री की इस बात पर जरदारी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा होगा कि- मनमोहन सिंह जी आप बड़े ही भोले हैं। क्या आपको अभी भी नहीं पता कि हम दुश्मनों के खिलाफ कितनी कार्रवाई करते हैं।
             पाकिस्तान तो अपने दुश्मन के खिलाफ हमेशा कार्रवाई करता रहा है। अब आप ही देख लो हमने अपने आतंकवादियों द्वारा आपकी संसद को निशाना बनाया। मुम्बई में 26  नवम्बर 2008  को कसाब जैसे आतंकवादी की टोली भेजी थी! आप भूल गए क्या पिछले वर्ष 7 सितम्बर 2011 को हमने संसद से मात्र डेढ़ किलो मीटर दूर दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर धमाका करके 15 लोगों को मारा था।  अरे यह तो पता होगा कि 13 जुलाई 2011 को मुम्बई में श्रृंखलाबद्ध धमाके कर 21 लोगों को मारा तथा 131 लोगों को घायल किया था। आपकी धार्मिक नगरी वारणासी पर भी हमने 7 सितम्बर 2010 को हमला किया था। भूल गए क्या? इस धमाके में एक बच्ची की मौत हुई थी और 25 लोग घायल हुए थे। हमारी कार्रवाई का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि हमने अपने आतंकवादी भेजकर मुम्बई, दिल्ली, अजमेर, हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद, बंगलौर, वाराणासी, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, असम और मालेगांव और न जाने कहां कहां धमाके कराए हैं।
              आपके सख्त गृहमंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में ही चार वर्ष में हमने आठ बड़े आतंकवादी हमले किए। इसमें हमने 50 से ज्यादा लोगों  को भी मौत के घाट उतारा है।
             अरे मनमोहन जी अब तो आप विश्वास करिए न, कि हम दुश्मनों के खिलाफ कितनी कार्रवाई करते हैं। अब आप ही बताइए हम और कितनी कार्रवाई करें? और आप तो हमारी छोडि़ए अपनी बताइए। आपने अपने दुश्मनों पर कितनी कार्रवाइयां की हैं। आपने तो अफजल और कसाब को  अभी तक पाल पोस रहे हैं। आप तो कुछ कार्रवाई करते नहीं हो और हमसे कह रहे हो। चलो छोड़ो...अब तो दोस्त बन जाइए!

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