Wednesday, May 9, 2012

अब बचेगा देश!



          क्रिकेटरों को सांसद बनना एक अच्छी शुरुआत है। जिस प्रकार संसद का कायाकल्प हो रहा है उसे देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ सालों में संसद दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में लगेगी। क्रिकेटरों को सांसद बनाया जा रहा है और सांसदों को क्रिकेटर।
            क्रिकेटर और नेता जितनी तेजी से एक दूसरे के क्रियाकलापों को जितनी तेजी से बदल रहे हैं यदि इसी प्रकार से चलता रहा तो देश के सभी क्रिकेट स्टेडियम विधानसभाओं में बदल जाएंगे। विधानसभाओं में क्रिकेट के मैच हुआ करेंगे। अब देखो मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा का सांसद बनने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है। सुना है उन्हें 103 नम्बर की सीट भी मिल गई है। इससे पहले भी क्रिकेट की दुनिया से संबंध रखने वाले नवजोत सिंह सिद्दु, मोहम्मद अजहररुद्दीन और कीर्ति आजाद जैसे क्रिकेटर संसद की दहलीज पर पहुंच चुके हैं। ये सभी कभी संसद भवन में दिखाई देते हैं तो कभी टीव्ही चैनलों पर क्रिकेट की कमियां बताते रहते हैं।
            नेताओं में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार सांसद रहते हुए क्रिकेट की पिच तक पहुंच चुके हैं। उन्हें क्रिकेट इतना पसंद आता है कि उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कांउसिल के भी अध्यक्ष हैं। इसी प्रकार पत्रकार से सांसद बने राजीव शुक्ला भी बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और आईपीएल टूर्नामेंट के कमिश्नर हैं। पूर्व मंत्री शशि थरूर को भी क्रिकेट का काफी शोक था और उन्होंने अपनी महिला मित्र के साथ आईपीएल की एक टीम भी तैयार की थी। इसी प्रकार ललित मोदी ने भी क्रिकेट के नए स्वरूप आईपीएल की शुरुआत की। सुरेश कलमाड़ी भी राष्ट्र मण्डल खेलों में बड़ा खेल कर चुके हैं।
           यदि कामकाज के बदलाव का यह खेल ऐसे ही चलता रहा तो हो सकता है कि एक दिन क्रिकेटर गांधी टोपी में दिखाई देंगे और नेता आईपीएल में मिलने वाली ओरेंज केप में। जरा सोचिए कितना मजा आएगा  जब चोरी-छुपे बिकने वाले नेताओं की खुलेआम बोलियां लगेंगी। अगर ऐसा हो गया तो कितना बढिय़ा होगा। क्योंकि देश में 1 लाख 76  हजार करोड़ वाला टू-जी स्पेटक्ट्रम घोटाला और 10 लाख करोड़ कोयला आवंटन घोटाला निलामी नहीं होने के कारण ही हुआ है। यदि निलामी हो गई होती तो सब कुछ ठीक रहता। ऐसा लग रहा है अब देश में कुछ स्थितियां ठीक हो रही हैं। नेताओं की निलामी होगी और क्रिकेटर संसद चलाएंगे तो घोटाले सुनने को नहीं मिलेंगे। क्रिकेटर एक-दूसरे पर कुर्सियां भी नहीं फेंकेंगे, कोई बिल नहीं फाडेंगे, लोकसभा की आसंदी को भी नहीं घेरेंगे, माइक भी नहीं तोड़ेंगे। अब लगता है देश बच जाएगा!!

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