बात करते-करते बात बोरवेल तक आ गई। बोरवेल आजकल जानलेवा हो गए हैं। बोरवेल में बच्चे गिर जाते हैं, उनकी जान तक चली जाती है। दो सिपाहियों की बातचीत चल ही रही थी कि इतने में थानेदार साहब भी आ गए। घुसते ही चिल्लाते हुए बोले-''रामकिशन इधर आओ, इस इंजीनियर को जेल में डाल दो।''
वाह! साहब आपने तो कमाल कर दिया-आपने तो माही की मौत के बाद तुरंत कार्रवाई कर दी। कहां से पकड़ लाए हो? तभी थानेदार साहब बोले-अरे यार! ये वो वाला इंजीनियर नहीं है। ये तो किसी दूसरे गांव से पकडक़र लेकर आया हूं। यह आज सुबह अपने कर्मचारियों के साथ गांव में मिल गया था। नया बोरवोल करने के लिए निरीक्षण कर रहा था तभी इसको मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
वाह! साहब, आपकी दूरदृष्टि सोच को तो मानना पड़ेगा। आजकल बोरवेल में बच्चे काफी गिर रहे हैं। ये इंजीनियर गहरा गड्ढा करके चले जाते हैं कम्बख्त हमारी मुसीबत हो जाती है। कहीं कोई बच्चा गिर गया तो फिर बुलाओ सेना को, पुलिस को। मीडिया के सवालों के जवाब देना तक मुश्किल हो जाता है कि बोरवेल करने वाले इंजीनियर के खिलाफ पुलिस क्यों कुछ नहीं करती? आपने तो सभी आने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण कर दिया।
तुम ठीक कहते हो रामकिशन- थानेदार साहब बोले। मुझे तो लगता है सरकार को एक नया ''बोरवेल रोको कानून'' बनाना चाहिए। इसमें बोरवेल की बात करने वालों को तत्काल सजा दी जानी चाहिए। जो बोरवेल करता हुआ मिला उसके खिलाफ तो सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए। हां! साहब आप ठीक कह रहे हो- रामकिशन सिपाही भी हां में हां मिलाते हुए बोला।
थोड़ी देर बाद रामकिशन बोला- सर मेरे पास एक सुझाव है। साहब हम इस इंजीनियर को गुडग़ांव के मानेसर में बोरवेल में पांच साल की बच्ची माही की मौत का जिम्मेदार बता दे तो कैसा रहेगा। आप बस इसकी जमकर सुताई कर देना खुद व खुद गुनाह कबूल कर लेगा।
इतने में एक दूसरा सिपाही भी वहां पहुंच गया। वह दो मजदूरों को पकडक़र लाया था। थानेदार साहब ने पूछा तो उसने बताया कि- साहब ये दो मजदूर कल्लू और मुन्ना हैं। ये दोनों गांव में एक गड्ढा खोदने की योजना बनाते हुए पुलिया के पास मिले हैं। देखो इनके पास से ये गेती और फावड़ा भी मिला है। यह इस बात का सबूत है।ये दोनों गड्ढा खोदकर पानी निकालने की बात कर रहे थे। तभी कल्लू बोला- साहब हम लोग पानी के लिए कुंआ खोदने की योजना बना रहे थे। इतने में थानेदार साहब का पारा और चढ़ गया। चुप करो। बोरवेल में बच्चे गिर रहे हैं, अब कुंआ खोदकर क्या पूरे गांव को मारोगे....। तुम्हें तो इंजीनियर से भी ज्यादा कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
शाम के वक्त थानेदार साहब अपने सिपाहियों की पीठ थपथपाते हुए बोले- आज हम लोगों ने अच्छा काम किया है। हमने आने वाली मुसीबतों पर जो कार्रवाई की है वह वाकई में काबिले तारीफ है। उम्मीद है हम ऐसे ही आगे भी कार्रवाई करते रहेंगे। यदि इसी प्रकार भविष्य में कार्रवाई होती रहें तो हम फिर किसी भी माही को मरने नहीं देंगे....। जी साहब! हम ऐसा ही करेंगे- सभी सिपाही एक साथ बोले।