Friday, January 22, 2016

चुटकी


रोहित तुम जबसे फाँसी पर झूल गए,
कुछ घड़यालियों के सीने फूल गए।
दलित कहकर वोटबैंक नापा जाता है,
नेता हमारे मानवता भी भूल गए।।
सुमित राठौर

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