सबका सुमित
Friday, October 11, 2019
शायरी
मोहब्बत करके इतराना नहीं,
कोई देखे तो मुस्कुराना नहीं।
तुम्हारे दिल में हम रहते हैं,
ये बात किसी को बताना नहीं।
- सुमित राठौर
शायरी
मैं बड़ी मुश्किल में हूँ,
जबसे तेरे दिल में हूँ।
सब हैं लेकिन तू नहीं,
तन्हा हर महफ़िल में हूँ।
- सुमित राठौर
शायरी
हर रोज एक नया सितम होता है,
मोहब्बत वही करते हैं जिनमें दम होता है।
जिसे तुम चाहो, वो तुम्हें मिल भी जाये,
आशिकी में ऐसा बहुत कम होता है।
- सुमित राठौर
चुटकी
कैसे दौड़ेगा अब कांग्रेसी घोड़ा,
राहुल घूमने गए बैंकॉक थोड़ा।
क्या करें अब पार्टी के सिपाही,
सेनापति ने ही जब मैदान छोड़ा।।
- सुमित राठौर
गजल
खुद को भूल गया हूँ तब से,
तुमको दिल दिया है जब से।
मैं अब भी इस इंतज़ार में हूँ,
तुम खुद को भूलोगी कब से।
वो तेरी आँखों में आंसू नहीं देगा,
मेरी बात हुई है आज रब से।
लाखों चेहरे देखे हैं मैंने मगर,
तुम ही अच्छी लगती हो सबसे।
उससे मुलाकात याद रहती है,
मिलता है वो हर बार अदब से।
- सुमित राठौर
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