Thursday, March 12, 2020

तुम दुबके रहना ताहिर भैया

नमस्ते, मैं गुलेल! वही जिसे आपने दिल्ली दंगों में छत पर लगवाया था। मुझे आज आपकी बहुत याद आ रही है। न जाने कहां छुप गए हो। छत पर पड़े पत्थर मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं। तेजाब की बोतलें भी मुझसे पूछ रही हैं कि हमारे ताहिर भैया कब आएंगे। मैंने उन्हें बताया कि हमें अभी और डटे रहना है। मैंने पत्थरों को समझा दिया है कि मोदी सरकार ने अभी सीएए वापस नहीं लिया है। इसलिये कहीं जाना नहीं। यहीं रहो।
  ताहिर भैया जब आप थे तो कितना मजा आया था। हमने कितने निर्दोष लोगों को मारा था। तुम नहीं हो तो ऐसा लग रहा है कि जैसे हमारी ताकत ही ख़त्म हो गई है। कुछ दिन पहले छत पर मीडिया वाले भी आये थे। मुझे बार-बार कैमरे में कवर कर रहे थे। पत्थरों और तेजाब की बोतलों को भी। मैं सुन रही थी उन पत्रकारों की बातें, जो यह बता रहे थे कि किस तरह स्कूल, क्लीनिक और गैरेज में आग लगा दी थी। और हां! आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा पर तो हमने चाकू से 400 वार किये थे।
   मैं गुलेल ये सोचकर बड़ी हैरान हूं कि मुझे कितना छोटा और निकम्मा समझा जाता था। मुझसे तो लोग चिड़िया भगाने का काम लेते थे। लेकिन आपने तो बस्ती के लोगों को भगाने का काम लिया। मुझे आपने मेरी ताकत का ऐहसास कराया। थैंक्यू!
   भैया! आज मुझे रिवॉल्वर मिली थी। वह बता रही थी कि पुलिस ने शाहरुख भाईजान को भी पकड़ लिया है। मैंने तो उससे कहा कि हमारे ताहिर भाईजान को तो देखो दंगे में शामिल होने के बाद भी ऐसी जगह छुपकर बैठे हैं, जिन्हें अभी तक कोई नहीं ढूंढ पाया है। आप चिंता नहीं करना, आपकी पार्टी ने भले ही आपको निकाल दिया है लेकिन वे अभी भी आपके साथ ही दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने पूरा ध्यान कपिल मिश्रा की तरफ मोड़ दिया है। मुझे आपको यह बताते हुए भी बहुत खुशी हो रही है कि दिल्ली दंगों की वजह से संसद भी नहीं चलने दी जा रही है। कुछ नेता संसद नहीं चलने देने की कमान संभाले हुए हैं। बहुत नुकसान हो रहा है देश का। यही तो हम चाहते थे। नेता अब अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिये जली हुईं बस्तियों की ओर निकल पड़े हैं। आपको यह जानकर भी खुशी होगी कि हमारे लोगों का चल रहा शाहीन बाग का धरना अभी भी जारी है। हमारा एक षड्यंत्र तो कामयाब हो गया है। वही, ट्रम्प अंकल की यात्रा खराब करने का।
   भैया! आज मेरा कुछ लोगों से झगड़ा हो गया था। वो कह रहे थे कि आप गिरफ्तारी के डर से चूहे की तरह किसी बिल में दुबक गए हो। उनकी इस बात पर मुझे बहुत गुस्सा आ गया। आप होते तो हम उन्हें भी सबक सिखाते। खैर! आप जहां भी हो, वहीं दुबके रहना। ये चिठ्ठी मिलते ही संकेत देना। खुदा हाफिज। - आपकी गुलेल...

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