''पता है हम पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं। इस बार तो हम छोड़ेंगे ही नहीं, देखना आप...!''
''अच्छा तो क्या करेंगे?''
''बस आप देखते जाइए...।''
''हां! देख ही तो रहे हैं।''
नेता और एक आम आदमी के बीच हो रही इस तरह की बातचीत सुनी तो मेरे कानों ने मेरी ही नहीं सुनी और लग गए बातें सुनने।
आम आदमी-'जबसे हमने पाकिस्तान सैनिकों द्वारा हमारे सैनिक के सिर काटने की घटना सुनी तो मेरा तो खून ही खौल गया।
नेता- 'अरे वाह! आपका खून तो काफी ठीक है, हमारा तो अभी तक नहीं खौला।'
आम आदमी-'आप कबसे कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं?'
नेता-'आप क्या कह रहे हैं बॉस...!! हमने तो घटना वाले दिन से ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। हमने अपने पूरे मंत्रालय को पाकिस्तान के खिलाफ सबूत जुटाने के निर्देष जारी कर दिए थे। जल्दी ही फाइल बनकर आने वाली है, फिर देखना आप!'
आम आदमी-'अच्छा फाइल बनने के बाद क्या करोगे?'
नेता-'एक बार फाइल बन जाएगी तब हम इसे देश की जनता के सामने रखेंगे। कहेंगे कि हम खाली हाथ नहीं बैठे हैं। हम इस मामले में चुप बैठने वाले नहीं हैं। हम मामले को अमेरीका तक ले जाएंगे। अमेरीका को बताएंगे कि हमारे सबूत पुख्ता हैं कि हमारे सैनिकों को पाकिस्तान ने मारा है।' हमारे सैनिकों का कोई दोष नहीं है, असली दोष पाकिस्तान के सैनिकों का है।
आम आदमी-'अच्छा! इससे क्या होगा?'
नेता-'अरे भाई इससे होना जाना तो कुछ नहीं है लेकिन करना पड़ता है। कहीं आपको यह न लगे कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं। क्या है कि आज आप लोग काफी समझदार हो गए हैं। बात-बात पर आंदोलन करना सीख गए हो। अभी दिल्ली में बलात्कारियों को फांसी देने के लिए आंदोलन कर दिया था। बड़ी मुश्किल से पीछा छुड़ाया है।'
आम आदमी-'आप एक बार आक्रमण करके पाकिस्तान को हरा क्यों नहीं देते?'
नेता-'देखिए भाई...। हम पाकिस्तान को धूल चटाने का प्रयास समय-समय पर करते रहते हैं। हमने पिछले दिनों ही एक क्रिकेट श्रृंखला का आयोजन किया था। क्रिकेट में तो हम हार गए लेकिन हम जल्दी ही हॉकी का मैच कराने वालेे हैं। देखना हॉकी में तो जरूर धूल चटा देंगे।'
आम आदमी-'अच्छा छोड़ो! आप पाकिस्तान से संबंध क्यों नहीं तोड़ देते?'
नेता-'यार तुम सवाल बहुत करते हो। संबंध ऐसे नहीं टूटते हैं। संबंध तोडऩे से पहले दो-चार बार चेतावनी देना पड़ती है।'
आम आदमी-'लेकिन आप चेतावनी तो कई बार दे चुके हैं!'
नेता-'अरे वो सारी चेवातनी तो मुम्बई हमले के संबंध में दी थी। अब यह नया मामला है। अब हम नए तरीके से चेतावनी दे रहे हैं।'
आद आदमी-'अच्छा! तो यह बताइए कि शहीदों के परिवारों को न्याय कब तक मिल जाएगा।'
नेता-'देखो मुझे न्याय का तो पता नहीं लेकिन हम शहीदों के परिवारों को वीरता पुरस्कार जरूर देने जा रहे हैं।'
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