Wednesday, March 19, 2014

गजल


हम अब मुस्कुराएंगे नहीं
जब तक वो हमें रुलाएंगे नहीं

रातें सारी यहीं बिताना हैं
जब तक मिलने वो आएंगे नहीं

तरीका सीख लो हमसे मोहब्बत करने का
फिर पूछोगे तो हम समझाएंगे नहीं

कह दो उनसे, यूं न बिखराएं अपनी जुल्फें
ऐसा करेंगे तो हम यहां से जाएंगे नहीं

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