यार अब तो यहां जीना मुश्किल हो गया है। अब देखो न गाड़ी चलाने का कानून भी कड़ा कर दिया है। कानून तो कानून होता है। देश की जितनी जनसंख्या नहीं है उससे ज्यादा तो कम्बख्त कानून हो गए हैं! आत्महत्या करके परलोक पहुंच जाओ तब भी पुलिस वाले आत्महत्या का मुकदमा दर्ज कर लेते हैं। मोटर वाहन कानून को इतना कड़ा कर दिया है कि बेचारी जनता घबराई हुई है। लेकिन जनता को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैंने भी इस कानून का अध्ययन कर लिया है। कानून तो मजेदार कानून है। जनता चाहे तो इससे अपनी गरीबी दूर कर सकती है! ये तो गरीबों को अमीर बनाने वाला कानून है!!
नया कानून है। नया-नया जोश है। नए कानून में गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करना, शराब नहीं पीना, अधिक सवारी नहीं बैठाने के लिए कहा गया है। शराब पीकर गाड़ी चलाई तो 2 हजार से 10 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है। 6 महीने की जेल भी हो सकती है। मोबाइल पर बात करते हुए पकड़े गए तो पहली बार में 500 रुपए उसके बाद 2 हजार से 5 हजार रुपए तक भरने पड़ सकते हैं। गाड़ी चलाते वक्ते मोबाइल पर मैसेज भेजते हुए पकड़े गए तो सजा हो सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय सडक़ महासंघ की रिपोर्ट के अनुसार सडक़ दुर्घटनाओं के कारण भारत को हर साल 1 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं कम्युनिटी अगेंस्ट डे्रकन की रिपोर्ट के अनुसार हर एक घण्टे में 56 सडक़ दुर्घटना होती हैं और लगभग 14 लोग रोजाना मरते हैं। इनमें से सबसे अधिक मौतें नशा करने वालों के साथ होती हैं। ये बातें सब सही हैं। डराने वाली बातें हैं। लेकिन आप लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मेरा अध्ययन आपको फायदे की बात करता है।
अध्ययन करने पर पता चला है कि सरकार ने नए कानून में मरने वालों के परिजनों को एक लाख रुपये देने का वादा किया है। यदि गंभीर रूप से घायल हो जाओगे तो 50 हजार रुपये मिलेंगे। यदि यह मान लें कि रोजाना 14 लोग मरते हैं तो सरकार को मारे गए लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपए मुआवजे के हिसाब से 51 करोड़ देना पड़ते हैं। घायलों का मामला अलग है। अपुन जिस अध्ययन की बात कह रहे हैं वह आपके घायल होने पर है। कानून में है कि घायल हुए तो सरकार 50 हजार रुपये देगी। इसलिए मित्रों कोई व्यक्ति घायल होने की हिम्मत कर ले तो सरकार की तरफ से उसे 50 हजार मिल जाएंगे। घायल हो जाओ, 50 हजार पाओ फिर ठीक हो जाओ, फिर घायल हो जाओ। इसलिए नये कानून को पढक़र तो मेरा मन घबरा नहीं रहा है बल्कि सोच रहा हूं कि कोई अच्छी सी तारीख देखकर सडक़ पर लेट जाऊं। कमबख्त एक चिंता यह भी सता रही है कि कहीं मैं लेटने में लेट नहीं हो जाऊं। यदि सरकार को मेरा अध्ययन का पता चल गया तो पता नहीं कब नया कानून बना दे! खैर! आपको पता चल जाए तो प्लीज सरकार को मत बताना।
नया कानून है। नया-नया जोश है। नए कानून में गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करना, शराब नहीं पीना, अधिक सवारी नहीं बैठाने के लिए कहा गया है। शराब पीकर गाड़ी चलाई तो 2 हजार से 10 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है। 6 महीने की जेल भी हो सकती है। मोबाइल पर बात करते हुए पकड़े गए तो पहली बार में 500 रुपए उसके बाद 2 हजार से 5 हजार रुपए तक भरने पड़ सकते हैं। गाड़ी चलाते वक्ते मोबाइल पर मैसेज भेजते हुए पकड़े गए तो सजा हो सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय सडक़ महासंघ की रिपोर्ट के अनुसार सडक़ दुर्घटनाओं के कारण भारत को हर साल 1 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं कम्युनिटी अगेंस्ट डे्रकन की रिपोर्ट के अनुसार हर एक घण्टे में 56 सडक़ दुर्घटना होती हैं और लगभग 14 लोग रोजाना मरते हैं। इनमें से सबसे अधिक मौतें नशा करने वालों के साथ होती हैं। ये बातें सब सही हैं। डराने वाली बातें हैं। लेकिन आप लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मेरा अध्ययन आपको फायदे की बात करता है।
अध्ययन करने पर पता चला है कि सरकार ने नए कानून में मरने वालों के परिजनों को एक लाख रुपये देने का वादा किया है। यदि गंभीर रूप से घायल हो जाओगे तो 50 हजार रुपये मिलेंगे। यदि यह मान लें कि रोजाना 14 लोग मरते हैं तो सरकार को मारे गए लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपए मुआवजे के हिसाब से 51 करोड़ देना पड़ते हैं। घायलों का मामला अलग है। अपुन जिस अध्ययन की बात कह रहे हैं वह आपके घायल होने पर है। कानून में है कि घायल हुए तो सरकार 50 हजार रुपये देगी। इसलिए मित्रों कोई व्यक्ति घायल होने की हिम्मत कर ले तो सरकार की तरफ से उसे 50 हजार मिल जाएंगे। घायल हो जाओ, 50 हजार पाओ फिर ठीक हो जाओ, फिर घायल हो जाओ। इसलिए नये कानून को पढक़र तो मेरा मन घबरा नहीं रहा है बल्कि सोच रहा हूं कि कोई अच्छी सी तारीख देखकर सडक़ पर लेट जाऊं। कमबख्त एक चिंता यह भी सता रही है कि कहीं मैं लेटने में लेट नहीं हो जाऊं। यदि सरकार को मेरा अध्ययन का पता चल गया तो पता नहीं कब नया कानून बना दे! खैर! आपको पता चल जाए तो प्लीज सरकार को मत बताना।
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