लोकपाल ले लो..... लोकपाल........। अन्ना की तरह अडिय़ल भी है, कांग्रेस की तरह कलाकार भी है और बीजेपी की तरह बाजीगर भी है। ठाकरे की तरह ठसक वाला भी, लालू की तरह मजाकिया भी और मुलायम की तरह मौका परस्त भी है। बोलो चाचा आपको कौन सा चाहिए। अरे...अरे...रुक भाई ये क्या बेच रहा है। चाचा जी आज जिस तरह से देश में लोकपाल की मांग बढ़ी है सोचा आज से यही धंधा शुरु कर दूं।
यह धंधा खूब चलेगा यह सोचकर मैंने घर पर बैठकर कुछ लोकपाल तैयार किए हैं। ये देखो अन्ना की तरह अडिय़ल लोकपाल। ये वैसे तो ठीक है लेकिन यह बड़ा जिद्दी है। ये अपनी बात मनवाने के लिए खाना-पीना तक छोड़ सकता है। किसी भी अधिकारी और कर्मचारी या फिर नेता पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही हो तो यह ऐसे पीछे पड़ जाता है कि पूछो मत!
ये देखो दूसरा लोकपाल! थोड़ा ढीला ढाला जरुर है। यह कांग्रेस की तरह कलाकार है। मैंने इसे इस तरह से तैयार किया है कि यह पूरे देश की जनता को वेवकूफ बना सकता है। आप इससे भले ही कितने ही उम्मीदें लगा लेना लेकिन मजाल है कि यह आपका काम करे।
अच्छा भार्ई ये वाला बता, ये कैसा है? ये...। ये तो बड़ा बाजीगर है। ये आपको बताएगा कि ये आपके साथ है लेकिन होता नहीं है। ये लोकपाल खूब हो हल्ला भी करता है लेकिन इसके विरोध का कुछ असर दिखाई नहीं देता है। अरे चाचा जी इसे छोड़ो! इसे देखो ये है ठाकरे बंधुओं की तरह ठसक वाला लोकपाल। इसे मैंने जितने प्यार से बनाया यह उतना ही कठोर है। इसे अधिक्तर बातें समझमें ही नहीं आती हैं। ये लोकपाल अपनी ढपली अपना राग अलापता रहता है। ऐसे मेरे पास सभी प्रकार के लोकपाल हैं।
हां! लेकिन चाचा जी मुझे मेरे एक लोकपाल की बड़ी चिंता होती है कि इससे कोई खरीदेगा की नहीं। क्यों क्या हुआ? इसे देखो, ये मेरा पसंदीदा लोकपाल है। यह बहुत सीधा और ईमानदार है। इसकी ईमानदारी के आगे कोई भी टिक नहीं सकता। मुझे तो लगता है कि इसकी ईमानदारी ही संकट पैदा कर रही है। ईमानदारी के कारण इसे कोई खरीदता ही नहीं है। जाने कब बिकेगा? ये लोकपाल यदि देश में कोई खरीद ले तो देखना कितना परिवर्तन आएगा। यह लोकपाल कुछ लोगों को फांसी का फंदा लग रहा है। शायद यही कारण है कि इसे कोई खरीदना नहीं चाह रहा है। अच्छा चलता हूं....!
लोकपाल ले लो..... लोकपाल........!, लोकपाल ले लो..... लोकपाल........!
सुमित 'सुजान' ग्वालियर