Wednesday, November 16, 2011

छोटा छोकरा, बड़े सवाल

               बिरजू....अरे ओ बिरजू तनीक यहां तो आ। कहां से आ रहा है भाई? तेरी सूरत बता रही है तू कहीं से लड़-झगड़ कर आ रहा है।  हां! तुम ठीक कह रहे हो चौधरी जी। आपको तो पता ही है कि हमारे प्रदेश में अगले साल चुनाव हैं। जगह-जगह चुनावी सभाएं हो रही हैं। मैं भी एक सभा में गया था। नेताजी का भाषण सुनकर आ रहा हूं। बड़ा ही जबर्दस्त था। खूब तालियां बटोरी नेताजी ने। नेताजी विरोधी पार्टियों को चुनौती देते हुए जनता से कह रहे थे कि 'कब तक पंजाब में जाकर मजदूरी करोगे', 'कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगोगे' और पता नहीं क्या-क्या।
                भाषण होने के बाद हमारा 15 साल का छोकरा टिल्लू नेताजी से मिलने की जिद कर रहा था। सो हम उसे मंच के पीछे ले गए थे। नेताजी से मुलाकात हुई। मुलाकात में हमें क्या मालूम था कि हमारा छोकरा 'छोटा मुंह बड़ी बात' कहकर नेताजी की बोलती ही बंद कर देगा। टिल्लू ने नेताजी से कहा किया कि आप इजाजत दें तो मैं आपके सवालों के जवाब आज  और अभी देना चाहता हूं। नेताजी ने हां ही कहा था कि अपना टिल्लू शुरु हो गया। टिल्लू ने कहा कि साहब जब तक केन्द्र में आपकी सरकार रहेगी तब तक हमें 'पंजाब में जाकर मजदूरी करनी पड़ेगी' और 'महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगना पड़ेगी'। क्योंकि आपकी सरकार जिस प्रकार महंगाई को बढ़ावा देकर गरीब जनता के साथ मजाक कर रही है उसका सामना करना तो उत्तर प्रदेश में नहीं किया जा सकता है। हमारे यहां के लोग महाराष्ट्र में जाकर भीख इसलिए मांग रहे हैं क्योंकि वहां कई अमीर लोग रहते हैं, महंगाई उनके लिए भी बढ़ गई है  इसलिए अब वे 1 रुपए के 5 बजाय  भीख में देने लगे हैं। महंगाई बढऩे के  कारण यहां के  लोग अपने परिवार का गुजारा नहीं कर पा रहे हैं। इधर आपकी सरकार किसानों की जमीनों पर अपने हाथ साफ कर रही है। क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़े बताते हैं कि अकेले वर्ष 2010 में ही देशभर में 15,964   किसानों के आत्महत्या करने की घटनाएँ दर्ज हुई हैं। आपको पता है क्या ब्यूरो के आँकड़ों के मुताबिक वर्ष 1995 से लेकर 2010 अंत तक देश में लगभग ढाई लाख किसानों ने आत्महत्या की है। आज पेट्रोल के दाम कहां से कहां तक पहुँच गए हैं। क्या आप हमारे प्रदेश में होने वाले आतंकवादी हमलों का जवाब दे सकते हैं?
              आपके भाषण में एक बात और स्पष्ट नहीं हो रही है। आपने कहा कि 'कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगोगे'। इसमें हमें तो समझमें आ रहा है कि आप चुनाव जीतने के बाद 'हमारे प्रदेश में ही भीख मांगने' की व्यवस्था करने वाले हैं! तो भैय्या काहे को हमें वेवकूफ बना रहे हो। तालियां बटोरने और वोट बटोरने में फर्क होता है। यदि आप वास्तव में वोट बटोरना चाहते हैं तो कृपया करके हमारी गरीब जनता की ओर भी थोड़ा ध्यान दें। टिल्लू की इन बातों पर ताली बटोरने वाले नेताजी की बोलती ही बंद हो गई। इतना कहा ही था कि पार्टी कार्यकर्ता हमें और हमारे टिल्लू को धक्के  मारते हुए बाहर ले गए। इसके बाद हमने विरोध किया तो कुछ चमचों ने हमारी पिटाई भी कर दी।
  चौधरी साहब बस इतनी सी ही बात थी। अब आप ही बताओ हमारे टिल्लू ने क्या गलत कहा था। देखो बिरजू... तुम्हारे  टिल्लू ने भले ही कुछ गलत नहीं कहा हो लेकिन शायद तुम जानते नहीं कि आजकल जो सही बोलता है उसकी कोई सुनता नहीं है, और जिसकी कोई सुनता है वह सही बात बोलता नहीं।

                                                                                                                                       सुमित 'सुजान'

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