वो रुठते रहे हम मनाते रहे
जिंदगी बस यूं ही बिताते रहे
न पूछो हमसे दर्द बेवफाई का
मैं जब भी रोया वो मुस्कुराते रहे
खेल समझे थे शायद प्यार को
हम खेलते रहे वो खिलाते रहे
उठाया नादानी का फायदा बहुत
मैंने सब किया जो वो बताते रहे
मेरी निगाहें तो दुश्मनों पर थीं
हम दोस्तों से मात खाते रहे
जिंदगी बस यूं ही बिताते रहे
न पूछो हमसे दर्द बेवफाई का
मैं जब भी रोया वो मुस्कुराते रहे
खेल समझे थे शायद प्यार को
हम खेलते रहे वो खिलाते रहे
उठाया नादानी का फायदा बहुत
मैंने सब किया जो वो बताते रहे
मेरी निगाहें तो दुश्मनों पर थीं
हम दोस्तों से मात खाते रहे
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