Friday, November 4, 2011

गजल

अब कोई नयी जुम्बिश1 होने वाली है
मुझे भी किसी से मोहब्बत होने वाली है

रत-दिन, सुबह-शाम सब एक होंगे
अब मेरा पता भी तुम्हारी गली होने वाली है

आ गया हूँ बिना बताये तेरे शहर में
न जाने कितनो से दुश्मनी होने वाली है

मेरी जिन्दगी का फैसला आज होना है
आज उनसे आमने-सामने बात होने वाली है

1 जुम्बिश = हरकत 

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