Sunday, December 23, 2018

चुटकी

कोई बिच्छू तो कोई मगर लगता है,
जब कहते हैं कि हमें डर लगता है।
ये सिला दिया पलकों पर बैठाने का,
हमें भी पाकिस्तान तुम्हारा घर लगता है।।
                             - सुमित राठौर

Monday, December 3, 2018

चुटकी

पाकिस्तानी हुक्मरान का पिट्ठू निकला,
कबूतर के वेश में चालाक मिट्ठू निकला।
खुद डूबा और ले डूबा राहुल बाबा को भी,
बड़ा ही बुध्दू हमारा सिध्दू निकला।।
                                 - सुमित राठौर

चुटकी

बार-बार कन्फ्यूज होते हैं,
अपनों से मिस यूज होते हैं।
आज जानी हकीकत हमने,
राहुल क्यूं रिफ्यूज होते हैं।।
              - सुमित राठौर

चुटकी

हड़प्पाई हो या फिर सिंधु हो,
सबकी चर्चा का तुम बिंदु हो।
एक बात बताओ राहुल जी,
कौन गौत्र के तुम हिन्दू हो।।
                 सुमित राठौर

Saturday, October 20, 2018

चुटकी

अब रहा नहीं कोई मोल,
ऐसे होते दिग्गी के बोल।
जब भी ये मुंह खोलते,
फट जाता कांग्रेसी ढोल।।
                - सुमित राठौर

Tuesday, October 16, 2018

चुटकी

जब तक सूरज चाँद रहेगा,
नेताओं तुम्हारा नाम रहेगा।
आ जाओ अब हमारे दल में,
बताओ कितना दाम रहेगा।।
                 - सुमित राठौर

चुटकी

खाते अपने सूना दिखाएंगे।
कार वाले भी लूना लिखाएंगे,
आ गया है चुनाव का मौसम,
नेता! हमें फिर चूना लगाएंगे।।
                    - सुमित राठौर

Thursday, October 11, 2018

चुटकी

पैदा अक्सर ऐसे हालात हो जाते हैं,
अच्छे भले भी चालाक हो जाते हैं।
हाथी भी जान गया होगा राजनीति इनकी,
क्यूं गठबंधन से पहले तलाक हो जाते हैं।।
                                  - सुमित राठौर

चुटकी

चुनावी समीकरण छन गए,
प्रशासन के सीने तन गए।
बहुत खुश है जनता सारी,
नेता सारे आदमी बन गए।।
                   - सुमित राठौर

चुटकी

सर्फ एक्सेल में जैसे अच्छे दाग होते हैं,
परिंदों में सबसे चतुर जैसे काग होते हैं।
चुनाव में बदलते रहते हैं कई रूप अपने,
नेता हमारे ऐसे ही इच्छाधारी नाग होते हैं।।
                               - सुमित राठौर

Saturday, September 22, 2018

चुटकी

सबके मन में चिंता थी,
आंखें सबकी नम थीं।
भूकंप तो आया मित्रों,
तीव्रता बहुत कम थी।
                 -सुमित राठौर

चुटकी

माल्या ने बहुत लूटा, उसके कई धंधे थे,
बैंकों ने भी लुटाया, अफसर सारे अंधे थे।
एक-दूसरे पर आरोप लगाने से क्या होगा,
हमें पता है नेताओं, हमाम में सभी नंगे थे।।
                                - सुमित राठौर

चुटकी

भक्ति होती है भजन में,
शक्ति होती है भजन में।
जलोटा जैसी हो जब मुराद,
सच्ची होती है भजन में।।
                 - सुमित राठौर

Sunday, June 17, 2018

चुटकी

खुद को भूल दूसरों के तलवे चूम रहे हैं,
ऊंचाई पर पहुंचकर नशे में झूम रहे हैं।
कैसे फादर्स डे मनायें मायूस हैं वो लोग,
जो गधों को अपना बाप बनाए घूम रहे हैं।।
                                 - सुमित राठौर

चुटकी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का देखो असर,
योगी ने छुड़वा लिया अखिलेश से घर।
टोंटी, टाईल्स, एसी, वो सब ले गया,
बेचारा समाजवादी मुंह छुपाये किधर।।
                         - सुमित राठौर

अर्ज़ किया है

एक राज जमाने से कहीं छुपाकर देखो,
खुद को आग के दरिया में डुबाकर देखो।
बहुत खूबसूरत लगेगी जिंदगी आपको भी,
तुम भी कभी किसी का दिल चुराकर देखो।
                                 - सुमित राठौर

मर्यादित कुर्सी

एक दिन मैं संसद जा पहुंचा। चुनाव जीतकर नहीं, तिकड़म से। हालांकि दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है। तिकड़मबाजी नेताओं को पहले करना पड़ती है, मैंने बाद में की। नेता यहां गूंगी जनता की आवाज बनकर शोर मचाने आते हैं। मैं तो केवल घूमने के लिए ही आया था। जिस दिन मैं पहुंचा था, उस दिन शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। हर दिन की तरह आखिरी दिन भी जब विपक्ष ने संसद नहीं चलने दी तो सत्ता पक्ष के नेता शीतकाल होने के कारण धूप में खड़े थे। खैर, मैं तो लोकसभा में पहुंच गया था। बड़ा सा हॉल था, जो बिल्कुल खाली था। मैंने पूरे हॉल की खूबसूरती को निहारा। उसे देखकर मैं जा ही रहा था कि मेरा कुर्ता एक कुर्सी में फंस गया। मुझे लगा जैसे उसने मुझे रोक लिया हो। अचानक वह कुर्सी बोल भी पड़ी-आप कौन? पहले तो मैं घबराया, लेकिन संसद की कुर्सी मुझसे बात कर रही थी इसलिए मुझे रुकना पड़ा। नेताओं की बात अलग है। वो तो कुर्सी मिलते ही सब भूल जाते हैं। कुर्सी बहुत उदास थी। मुझसे उसने पूछा-आप कहाँ से आए हो? आप कौन हो? क्या आप जनता हो? मैंने हां कहा और बताया कि मैं ग्वालियर से संसद भवन घूमने आया हूँ। मेरी इस बात पर वह जोर से हँसी और बोली-आप भी घूमने आए हो। मैंने कहा-आप भी मतलब! कुर्सी ने कहा- आप भी मतलब, आप जिन्हें चुनकर भेजते हैं, वे भी घूमने ही आते हैं! आज शीतकालीन सत्र भी समाप्त हो गया, कुछ काम नहीं किया इन नाकारों ने। इतना शोर करते हैं कि हमारे कान पक जाते हैं। कुछ तो इतने बेशर्म होते हैं कि हमारे ऊपर ही चढ़कर चिल्लाने लगते हैं। कभी किसी की लड़ाई हो जाए तो वो कमबख्त हमें उठाकर लड़ने लगते हैं। हमें बहुत दुःख होता है। हमसे अच्छी तो प्राइवेट ऑफिसों की कुर्सियां हैं। उन पर मैनेजर, मालिक, डायरेक्टर जैसे पढ़े-लिखे लोग आकर बैठते भी हैं और काम भी करते हैं। हमारे ऊपर तो कोई भी अनपढ़, पांचवीं, छटवीं पास, हत्या और लूटपाट का आरोपी, सफेद कुर्ते में काला चोर जैसा लफंगा नेता आकर कभी भी बैठ सकता है। हालांकि सभी बुरे नहीं होते। कुछ की क्वालिटी अच्छी भी होती है। कुर्सी बोली-आज हम किसी फौजी अफसर की कुर्सी होते तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा होता। कहीं किसी गरीब के घर में ही होते तो वहां हमारा अच्छे से ख्याल रखा जाता। हमारी तो किस्मत ही फूटी है, जो हम यहां हैं। हमारी गरिमा तो है, लेकिन आप जिन्हें चुनकर भेजते हैं वे हमारी गरिमा की ऐसी की तैसी कर देते हैं। हमारा यहां दम घुटता है। लेकिन हम क्या करें,मर्यादा में रहना पड़ता है। मर्यादा ही हमें बांधे हुए है। जबसे हम कुर्सियों को यहां लाया गया है, तब से चुप हैं। भगवान जाने...कब तक चुप रहना पड़ेगा। कोई तो दिन ऐसा आए, जिस दिन आप लोग कहें कि संसद ने आज अच्छा काम किया है। कुर्सी पर बैठने वाले नेता कब आएंगे? मित्रों, मैं उस मर्यादित कुर्सी से क्या कहता, चुपचाप चला आया।       -सुमित राठौर

मां

आकाश बहुत परेशान था। आज गणित का पेपर है और आज ही स्कूल पहुँचने में देर हो रही है। परीक्षा 5वीं क्लास की थी। सीमा ने भी खूब समझाया लेकिन उसके माथे की शिकन जा ही नहीं रही थी। रोने जैसी शक्ल हो गई थी। हालांकि स्कूल घर से कुछ ही कदम की दूरी पर था, लेकिन लेट होने पर पनिशमेंट मिलती है, यह उसे अच्छे से पता था। सीमा ने अपने बेटे के अपने पास बुलाया, और गले लगा लिया। पूछा- पहाड़े याद कर लिए?, जोड़-घटाने का रिवीजन हो गया? अच्छे से पेपर करना। लेकिन वह तो भगवान को ही याद कर रहा था, जैसे कि भगवान ही परीक्षा देने वाले हैं। वह स्कूल पहुंचने तक भगवान का ही नाम रटता जा रहा था। उसने भगवान से प्रार्थना भी की कि आज का पेपर कैंसिल करा दें। कुछ देर बाद वह स्कूल पहुंच गया। स्कूल पहुंचने पर उसे बाहर ही गार्ड ने रोक लिया। गार्ड ने कहा- तुम यहीं रुको! अभी स्कूल के बच्चे, टीचर और स्टाफ के सभी लोग बाहर आ रहे हैं। गार्ड ने बताया कि किसी ने स्कूल में बम होने की सूचना दी है, इसलिए पुलिस पूरा स्कूल खाली करवा रही है। बम की सूचना पर प्रिंसिपल मेडम घबरा गईं। कुछ देर बाद उन्होंने आज सभी कक्षाओं के होने वाले पेपरों को कैंसिल करने की घोषणा भी कर दी। स्कूल की छुट्टी भी हो गई। इसके बाद तो जैसे आकाश हंसता हुआ घर आया। मां को पूरी बात बताई और हंसते हुए बोला-देखो मम्मी भगवान से प्रार्थना की थी न इसलिए ये पेपर कैंसिल हुआ है। कुछ देर बाद आकाश के घर पुलिस आ गई। उन्होंने अपनी जांच में पाया कि स्कूल में बम होने की झूठी खबर सीमा ने दी थी। पुलिस ने सीमा को चेतावनी देकर छोड़ दिया।
- सुमित राठौर

शुक्रिया सरकार

वेट लिफ्टिंग में हमने आज भी एक गोल्ड जीत लिया है। कल भी जीता था, कल भी जीतेंगेे। कारण बिल्कुल साफ है। हमारे कंधों पर महंगाई का बोझ इतना है कि ये लोहे के चक्के बहुत हल्के लगने लगते हैं। पढ़ाई-लिखाई, पेट्रोल-डीजल, दाल-चावल, तेल और शक्कर, सभी के दाम तो आसमान पर हैं। जिस तरीके से महंगाई बढ़ रही है उसको देखकर मैं दावे से कह सकता हूँ कि भविष्य में वेट लिफ्टिंग के जितने भी कॉम्पटीशन होंगे उनके सभी मेडल हमारे ही होंगे।
शुक्रिया सरकार!
                            -सुमित राठौर

मैं जानता हूँ

प्यार करने की कीमत, मैं जानता हूँ,
ये है बड़ी मुसीबत, मैं जानता हूँ,

उसने आज फिर किया है वादा साथ देने का,
उसके वादे की हकीकत, मैं जानता हूँ,

आज फिर लगेगी आग मेरी बस्ती में,
उसे है जलाने की आदत, मैं जानता हूँ,

वोट मांगने जब भी वो सामने आएगा,
बदल लेगा अपनी सूरत, मैं जानता हूँ,

बूढ़े माँ-बाप मेरी जिंदगी का हिस्सा हैं,
उनको है मेरी जरूरत, मैं जानता हूँ,
                              - सुमित राठौर

Sunday, June 3, 2018

सेना, अब नहीं सहना

बहादुर जवानों अब पत्थर नहीं खाना,
तोड़ देना वादे, खुद पत्थर बन जाना।
अब बाढ़ आये या फिर कोई मुसीबत,
कुछ भी हो इन कमीनों को नहीं बचाना।।
                                  -सुमित राठौर

Saturday, April 7, 2018

पैरोडी

चुनाव का महीना...
नेता करे शोर
गली-गली घूमे ऐसे
जैसे घर मा नहीं ठौर (2)

चुनाव में नेता जी घूमे पाइंया, पाइंया
जीतने के बाद आ जाये चार पहिया (2)
तरक्की देख इनकी... (2)
शरमा जाएं लुटेरे और चोर...
गली-गली घूमे ऐसे
जैसे घर मा नहीं ठौर...

चुनाव का महीना
नेता करे शोर
गली-गली घूमे ऐसे
जैसे घर मा नहीं ठौर..

Thursday, March 29, 2018

अर्ज़ किया है...

अर्ज़ किया है...

देखो ये वो चित्र और चेहरे हैं,
जिनके पैगाम बहुत गहरे हैं।
मंदिर-मस्जिद वाले क्या जाने,
वो लोग सियासी जो ठहरे हैं।।
                   -सुमित राठौर

गजल

मेरी मोहबब्त को सहारा दे दो,
थोड़ा मुस्कुराकर इशारा दे दो।

धड़कना छोड़ दूंगा, ये दिल कहता है,
तुम इसे एक मौका दोबारा दे दो।

उम्मीद लगा के बैठीं हैं मेरी आँखें,
इन्हें भी ख्वाब कोई प्यारा दे दो।

भूल गईं, तुमको मैंने चाँद कहा था,
लाओ वापस वो खत हमारा दे दो।
                         
                              -सुमित राठौर

चुटकी

हमारे मन को फिर से चंगा कर दिया,
पाकिस्तानी पीएम को नंगा कर दिया।
अमरीका भी जानता है औकात उनकी,
भिखमंगे को और भिखमंगा कर दिया।।
                             - सुमित राठौर

Sunday, March 25, 2018

चुटकी

यूपी में चुनाव जीतना भी एक कला है,
हाथी को पटककर साइकिल वाला चला है।
बहनजी को शायद अब आई होगी अक्ल,
अकेले रहो...उसी में अपना भला है।।
                                   -सुमित राठौर

Saturday, March 17, 2018

चुटकी

माफी मांगकर देखो खुद को बांटने लगे हैं,
अपनी ही जड़ों को अब काटने लगे हैं।
'आप' पर भी चढ़ा राजनीति का रंग देखिये,
अरविंद जैसे भी थूक कर चाटने लगे हैं।।
                               - सुमित राठौर

Wednesday, March 14, 2018

चुटकी

सोनिया जी के डिनर पर नेता हुए इक्टठे,
कुछ थे काम केे, कुछ बिल्कुल ही निखट्ठे।
सत्ता पाने को स्वार्थ का निवाला गटका है,
सबके सब लालची और एक ही थाली के चट्टे।।
                               -सुमित राठौर

Wednesday, March 7, 2018

चुटकी

वोटों के लालची एकजुट हुए यूपी की माटी पर,
साईकिल वाला बैठेगा मायावती के हाथी पर।
चुनाव जीतने बाप गधे को भी बनाया जाएगा,
सब मिलकर मूंग दलेंगे योगी जी की छाती पर।।
                                 - सुमित राठौर

Sunday, March 4, 2018

शायरी

जिंदगी का अपनी हर ख्वाब दे दिया,
उनके हर सवाल का जवाब दे दिया।
बहुत सरल है गणित हमारी मोहब्ब्त का,
उसने जब भी मांगा मैंने हिसाब दे दिया।।
                       -सुमित राठौर

बुरा न मानो होली है

बुरा न मानो होली है...
चिदंबरम पर कसा शिकंजा,
बेटे की पोल खोली है...
बुरा न मानो होली है...(1)

खजाना भरा था हमने भरपूर,
सोचा अब तकलीफें होंगी दूर,
माल्या से नहीं लिया सबक,
नीरव भागा भरकर झोली है...
बुरा न मानो होली है...(2)

आये थे बदलने राजनीति को,
अपना बैठे पुरानी नीति को,
भरी बैठक में पीएस को पीटा,
ऐसी बेशर्म 'आप' की टोली है...
बुरा न मानो होली है...(3)

हमेशा कराते फिरते नुकसान,
भारत में हो या पाकिस्तान,
लांघ जाते मर्यादा हर बार,
बहुत सड़ी मणिशंकर की बोली है...
बुरा न मानो होली है...(4)

मेरी प्यारी मुस्लिम बहना,
तीन तलाक अब नहीं सहना,
जेल जाओगे अगर छोड़ा तो,
चिंता आपके शौहरों में घोली है...
बुरा न मानो होली है...(5)

अच्छे दिन का सपना दिखाकर,
आज बैठे हैं आंख चुराकर,
बेचना पकौड़ा भी है रोजगार,
उड़ाते मजाक, करते ठिठोली हैं...
बुरा न मानो होली है...(6)
                   - सुमित राठौर

Sunday, February 25, 2018

अर्ज़ किया है

कुछ ऐसे फैसला किया उसने मेरी तक़दीर का,
हिस्सा बना लिया मुझे भी अपनी तस्वीर का।

मोहब्बत से मुझे आज मालामाल कर दिया,
मुद्दतों से दिल लेकर घूम रहा था फकीर का।।
                                     -सुमित राठौर

Saturday, February 24, 2018

अर्ज किया है

झुर्रियों तक साथ देने का वादा था,
साथ जीने-मरने तक का इरादा था।
छोड़कर अकेला मुझे आज वो खुश हैं,
शायद! वादे में उनका हिस्सा आधा था।।
                          - सुमित राठौर

अर्ज किया है

आंखें कर बैठीं इज़हार, क्या करते,
दिल भी उलझा बेकार, क्या करते।
सारे इल्जाम हमने अपने सर ले लिये,
इससे ज्यादा उनसे प्यार, क्या करते।।
                         -सुमित राठौर