Friday, December 26, 2014

चुटकी

देखना हमें फिर से मूर्ख बनाया जाएगा,
जम्मू-कश्मीर का हाल ये अभी आएगा।
कल दिखते थे जो एक-दूजे के दुश्मन,
सत्ता के लिए उन्हें दोस्त बनाया जाएगा।।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

पहले हमने शेरू को शेरा बनाया,
फिर उसे मुठभेड़ में मार गिराया।
कामयाब हुई महकमे की चाल,
साहब ने फिर एक इनाम पाया।।
सुमित 'सुजान'

Sunday, November 30, 2014

चुटकी (भविष्य)

संसद में जोरदार हंगमा हुआ,
पूछा, काले धन का क्या हुआ।
सरकार बोली हम भी अचंभे में,
खाता मिला सबका खाली हुआ।।
सुमित 'सुजान'

Monday, November 24, 2014

साध्वी का संघर्ष

       एक समाचार हर बार देश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता हुआ नजर आता है। यह समाचार है साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का। साध्वी प्रज्ञा सिंह पर वर्ष 2008 में मालेगांव में हुए एक बम धमाके में शामिल होने का आरोप है। इसी आरोप के चलते साध्वी प्रज्ञा सिंह आज तक कठघरे में हैं जहां मुजरिम खड़े होते हैं। साध्वी प्रज्ञा सिंह पिछले 6 वर्षों से उन जांच एजेंसियों से जूझ रही हैं जिन्होंने उनसे इस घटना में शामिल होने का कबूलनामा करवाने के लिए क्या कुछ नहीं किया। एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में है। सुर्खियों में आने का कारण भोपाल पहुंची सीआईडी टीम है। सीआईडी टीम ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से इस मामले में जब पूछताछ की तो साध्वी प्रज्ञा ने एटीएस (एंटी टेरिरिस्ट स्वाक्ड) के बारे में जो बातें बताई वह रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है। बकौल साध्वी सीआईडी टीम को बताती हैं कि उन्हें किस तरह यातनाएं दी गईं। साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि उनसे एटीएस अधिकारियों ने न सिर्फ अपशब्द बोले बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। साध्वी प्रज्ञा सिंह को अश्लील ऑडियो सुनाना, जबरदस्ती नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग, साइकोलॉजी टेस्ट आदि करना कौन सी जांच का हिस्सा हो सकता है, यह विचारणीय प्रश्न है। आज साध्वी प्रज्ञा सिंह की हालत कैसी है, यह बताने के लिए सिर्फ यही काफी नहीं है कि उनका भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज में उपचार चल रहा है। आज साध्वी प्रज्ञा का शरीर उन पर हुए अत्याचार की कहानी स्वयं कहता है। जो युवती पहले टू व्हीलर पर थी, आज वह व्हील चेयर पर है। एक सवाल हर बार मन में बार-बार आता है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर हो रहे अत्याचारों पर आखिरकार मानव अधिकार संगठन वाले कहां दुबक कर बैठ जाते हैं? कश्मीर के अलगाववादियों की पैरोकारी करने वाले लोगों का साध्वी प्रज्ञा सिंह के अत्याचार पर दिल क्यों नहीं पसीजता? सेना और अलगाववादियों के संघर्ष पर क्यों हमेशा ही सेना को कठघरे में खड़ा किया जाता है? मानव अधिकार संगठन शायद इस बात को भली भांति समझते हैं कि अलगाववादियों की बात करके ही उनकी दुकान चल सकती है। साध्वी प्रज्ञा सिंह जैसे लोगों के लिए लडऩा शायद उनके पाठ्यक्रम में पढ़ाया ही नहीं जाता है। दूसरा सवाल जांच एजेंसियों पर होना चाहिए। सवाल यह हो सकता है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह की हालत कैसे और क्यों हुई? सवाल यह भी हो सकता है कि क्या उन्होंने मुम्बई हमले के आतंकवादी अजमल कसाब और संसद हमले में शामिल मोहम्मद अफजल को भी ऐसी ही यातनाएं दी थीं। कसाब और अफजल अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्हेंं फांसी दे दी गई। लेकिन पूरी दुनिया ने देखा कि जब वे फांसी के फंदे पर झूले तो वे कितने तंदुस्त थे। साध्वी प्रज्ञा सिंह की आज जो हालत हुई है, उसके लिए तत्कालीन कांग्रेसनीत संप्रग सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाए तो शायद गलत नहीं होगा। वर्ष 2008 में जब साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था तब देश के गृहमंत्री पी. चिदबंरम थे। साध्वी के जरिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन को घेरने की कोशिश की गई थी। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने ही पहली बार 'हिन्दू आतंकवाद' शब्द को जन्म देकर देश में एक नई बहस की शुरुआत की थी। आज उसी विचार ने साध्वी प्रज्ञा सिंह की ऐसी दुर्दशा की है, ऐसा बार-बार प्रतीत होता है। लेकिन हमें साध्वी प्रज्ञा सिंह के उस जज्बे को भी सलाम करना चाहिए जो इतनी यातनाएं सहने के बाद भी हमेशा जांच में सहयोग दे रही हैं।

Wednesday, November 19, 2014

बजने लगा भारत का डंका

दुनिया में एक बार फिर भारत का डंका बजने लगा है। इसकी गूंज का अहसास प्रत्येक भारतीय के मन को आल्हादित और रोमांचित कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से जो समाचार सुर्खियों में आए हैं उनका रिवीजन करके देखें तो गौरव का अनुभव होता है। एक तरफ भारतीय खिलाड़ी इतिहास रच रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने विजन से दुनिया के प्रत्येक रीजन को भारत की ओर देखने पर मजबूर कर रहे हैं। पहले बात भारत के खिलाडिय़ों की करते हैं जिन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से भारत को श्रेष्ठतम बनाया। कौन भूल सकता है भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी रोहित शर्मा को जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन में खेले गए मैच में एक बार फिर दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया। रोहित की 264 रनों की पारी ने बताया कि क्रिकेट में भारत वह कर सकता है जो दुनिया का कोई बल्लेबाज अभी तक नहीं कर सका। इस खेल में अभी तक चार दोहरे शतक लगे हैं, जो सभी भारतीय खिलाडिय़ों के नाम दर्ज हैं। इसी क्रम में हमारी टीम पांचवें एक दिवसीय मैच में एक बार फिर श्रीलंका को हराकर शृंखला को जीत कर भारत आईसीसी की वनडे रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गयी है। खेलों की इसी कड़ी में भारतीय शटलर साइना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत ने चीन में इतिहास रचकर भारत का गौरव बढ़ाया। इन दोनों ही खिलाडिय़ों ने चीन की धरती पर चाइना ओपन सुपर सीरीज के मुकाबले जीतकर खिताब अपने नाम किया और जिसकी खुशी से प्रत्येक भारतीय का शीश गर्व से ऊंचा हुआ। अब बात प्रधानमंत्री मोदी की करते हैं, मोदी दस दिन के विदेशी दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपनी यात्रा के दौरान जो भी कहते हैं और जो भी करते हैं उसे पूरी दुनिया टकटकी लगाकर देखती और ध्यान लगाकर सुनती है। पहले म्यांमार के आसियान सम्मेलन में और फिर ऑस्टे्रलिया के जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा उसे दुनिया के देशों ने सुना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिस्बेन में जब भारतीय योग के महत्व को बताया तो दुनिया के एक सैकड़ा से अधिक देशों ने उनकी बात का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि विश्व में योग दिवस मनाने का विचार भी किया। इसी प्रकार महात्मा गांधी, ग्लोबल वार्मिंग और आतंकवाद पर अपने जो विचार मोदी ने रखे वह भी दुनिया के अनेक देशों में भारत का मान बढ़ाते हुए दिखाई देते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऑस्टे्रलिया में 'मोदी एक्सप्रेस' ट्रेन तक चलाना पड़ी। कुल मिलाकर इन सभी बातों पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि भारत का विश्व विजयी अभियान शुरु हो चुका है। भारत की तरक्की से दुनिया के सभी देश अचंभित हैं। आने वाले वर्षों में भी तरक्की का यही क्रम बना रहा तो निश्चित रूप से पूरी दुनिया में सिर्फ और सिर्फ भारत ही दिखाई देगा।

Saturday, November 15, 2014

चुटकी

नेताओं ने अच्छा पति धर्म निभाया है,
पत्नियों को फॉर्म चुनावी भरवाया है।
न जाने क,ख, ग, जो राजनीति का,
उन्हें लोकतंत्र की देहरी पर चढ़ाया है।।
 सुमित 'सुजान'

Tuesday, October 28, 2014

सरकारी किराएदार

 व्यंग्य/झुनझुना
आज शाम को खन्ना जी घर पर आए। बेचारे बहुत परेशान थे। खन्ना जी हमारे साथ बैंक में कैशियर हैं। दिन भर बैंक ग्राहकों से उलझते रहते हैं। शायद आज भी किसी से झगड़ कर आ रहे थे। मुझे लगा कि आज भाई साहब फिर कोई किस्सा सुनाएंगे। सोचा कोई हंसी मजाक का किस्सा होगा लेकिन मैटर तो बहुत ही गंभीर निकला। मेरे पूछे बगैर ही बोले- ''यार आजकल तो किरायेदार रखना ही बेकार है। एक तो लोगों की मदद करो ऊपर से ये सिर पर चढ़ जाते हैं।''
खन्ना जी बोले-''देखो तो कितनी नाइंसाफी है। यार वह अपना शुक्ला है न, हमारा किरायेदार, आजकल काफी परेशान कर रहा है।''
हां...हां...! क्या किया शुक्ला ने- मैंने पूछा।
उन्होंने बताया कि चार वर्ष पहले मैंने शुक्ला जी को अपने मकान के चार कमरे किराये पर दिए थे। शुरुआत में व्यवहार काफी ठीक था। लेकिन एक दो साल बीतने के बाद समय पर किराया देना ही बंद कर दिया। कभी भी समय पर किराया नहीं दिया, और न ही किराया बढ़ाया। आज जब मैंने मकान खाली करने की बात कही तो कहने लगा कि मैं मकान खाली नहीं करूंगा।
समस्या गंभीर थी लेकिन हंसी आ गई!
हंसी यह सोचकर आई कि दिल्ली में आजकल लोगों को क्या हो गया है। सभी को आजकल कब्जे की ही पड़ी है। एक बार किसी को कब्जा मिल जाए तो मजाल है कि आप मकान खाली करा सको। मैंने खन्ना जी से कहा कि-''आपकी समस्या तो बिल्कुल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह ही है।''
''अरे आप तो एक शुक्ला जी से परेशान हो, हमारे मोदी जी तो ऐसे 21 शुक्लाओं से परेशान हैं।''
खन्ना जी बोले-''क्या मतलब।''
''मैंने बताया कि जिस प्रकार आप शुक्ला जी को लेकर परेशान हैं ठीक इसी प्रकार हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के उन नेताओं से परेशान हैं जो सरकारी बंगलों पर कब्जा किए हुए हैं। ये नेता अपने आपको सरकारी किरायेदार मानते हैं, इनसे भी मकान खाली कराना बड़ी 'टेढ़ी खीर' साबित हो रहा है।''
''तत्कालीन संप्रग सरकार के समय इन 'शुक्लाओं' को ठिकाना दिया गया था। उन्हें जब पता लगा कि अच्छे दिन आ गए तो उन्होंने फिर कब्जा करने का ही मन बना लिया। अच्छे दिन तो सभी के लिए होंगे ना इसलिए मस्ती से रह रहे थे। अभी भी कुछ किराएदार तो 'नाक में दम' किए हुए हैं।''
''आपके शुक्ला तो आम आदमी हैं लेकिन ये सभी तो पूर्व में मंत्री रहे हैं। मंत्री क्या होता है, जानते हो न...।''
''इनके देश में ऐसे कई बंगले होंगे, लेकिन फिर भी सरकारी बंगला खाली करने का मन ही नहीं करते। शायद कुछ दबाकर रखा होगा, अपने कार्यकाल का। समेटने में देरी हो रही होगी। कहीं कोई फाइल होगी, जिसके कारण ही देरी हो रही हो। खैर सरकारी माल, सरकारी होता है। बिजली, पानी, मरम्मत सभी सरकार की चिंता।''
खन्ना जी बोले-''अच्छा!''
''हां और नहीं तो क्या- मैंने कहा!''
''मैंने कहा- आपको नहीं पता''
''इन मंत्रियों के अलावा सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी सालों से सरकारी फ्लैट में कब्जा जमाए बैठे हैं।''
खन्ना जी बोले- ''मुझे लगता है कि मेरा मकान तो गया। क्योंकि जब मंत्री ही बंगले खाली नहीं कर रहे तो अपनी औकात ही क्या। हमारे पास तो कोई सोर्स सिप्पा भी नहीं है कि हम कहीं से दबाव बनाकर अपना मकान खाली करा सकें।''
उनकी चिंता को देखते हुए मैंने कहा- ''क्यों न आप भी प्रधानमंत्री मोदी की तरह कोई रास्ता निकालते।''
खन्ना जी बोले-''क्या मतलब।''
मैंने कहा- ''आप क्यों न प्रधानमंत्री की तरह अपने शुक्ला जी की बिजली पानी की सप्लाई बंद कर दो। ये मंत्री लोग तो बेशर्म होते हैं। मोटी खाल वाले। जनता से इतनी बेज्जती होती है कि उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता। भ्रष्टाचार करके पहले ही बदनाम हो गए होते हैं।, हां! लेकिन मुझे लगता है कि शुक्ला जी इतने बेशर्म नहीं होंगे। जब बिजली और पानी बंद हो जाएगा तो अपने आप आपको चाबी देकर चले जाएंगे।''
''मेरी बात में खन्ना जी को दम लगा। शायद इसलिए काफी देर बाद उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आई। वह कुर्सी से उठे और नारा लगाया-नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद।''
इस नारे से खन्ना जी में इतनी स्फूर्ति आ गई कि उन्होंने शुक्ला जी के जाने के बाद जब भी कोई किरायेदार रखा तो उससे मकान भी खाली करा लिया।
 

Friday, September 19, 2014

चुटकी

चुनाव आया तो चहकने लगे
कुर्ते खादी के दमकने लगे
दिखने लगी जब सत्ता की राह
पुराने रिश्ते तक दरकने लगे
सुमित 'सुजान'

चुटकी

सत्ता मिली तो मगरूर हुए अपने
लड्डू वर्षों बाद मिला था चखने
आडवाणी-मुरली जब किए किनारे
तब से नतीजे भी लगे पलटने
सुमित 'सुजान'

Sunday, September 7, 2014

चुटकी

जनता पर प्यार लुटाने
इकदूजे को झुठलाने
आ गए हैं फिर से नेता
दिल्ली में सरकार बनाने
सुमित 'सुजान'

Friday, September 5, 2014

चुटकी

गुरू गोविंद थे दोऊ खड़े
शिष्य हो गए हैं बहुत बड़े
बोले मैंने दिखाई थी राह
चौराहे आज पर दोनों खूब लड़े
सुमित 'सुजान'

Tuesday, September 2, 2014

चुटकी

पकिस्तान से आया पैगाम आज
शरीफ भागकर बचा रहे हैं लाज
जैस-तैसे तो पहुंचे थे कुर्सी तक
कादरी और इमरान बन बैठे खाज
सुमित 'सुजान'

Monday, September 1, 2014

चुटकी

राहुल की चुप्पी पर उठाया सवाल
बयान देते ही पार्टी में आया भूचाल
मुंह अब दिग्विजय सिंह ने खोला है
शायद इनकी भी 'नहीं गल रही दाल'
सुमित 'सुजान'

Thursday, August 28, 2014

चुटकी

रुको! दृश्य अभी ऐसे आते मिलेंगे
दुनिया छोड़कर कुछ जाते मिलेंगे
जिनकी जरुरत थी पहले खाना
गठरी से उनकी बैंक 'खाते' मिलेंगे
सुमित 'सुजान'

चुटकी

राजनीति में अजब खेल हो गया,
नीतीश लालू का मेल हो गया
सबक सिखाएगी शायद जनता
गणित भाजपा का भी फेल हो गया
सुमित 'सुजान'

Thursday, August 14, 2014

ग़ज़ल


नज़रों को मेरी उलझा गया कोई
देखकर मुझे फिर मुस्कुरा गया कोई

उसकी अदाओं का बहुत दीवाना हूँ मैं
हरकतों से मेरी अंदाज़ा लगा कोई

आजकल रात दिन बैचैन सा रहता हूँ
आँखों से मेरी नींदे चुरा ले गया कोई

मोहब्बत का आप जादू देखिये
आया मेरा नाम शरमा गया कोई

सुमित 'सुजान'

Sunday, July 27, 2014

चुटकी

सानिया का मुद्दा तगड़ा हो गया
बेटी है या बहू, झगड़ा हो गया
सोनिया पर भी उठने लगे सवाल
जरा सी बात पर लफड़ा हो गया
सुमित 'सुजान'

Friday, July 25, 2014

चुटकी

सिसायत में आज 'रोटी' चर्चा में है
सांसदों की हरकत ओछी चर्चा में है
फिर रंग गया देश महजबी रंग में
भारत की किस्मत खोटी चर्चा में है
सुमित 'सुजान'

Tuesday, July 22, 2014

चुटकी

ग्वालियर की जनता कभी प्यासी न होती
न तिघरा खाली होता, कोई चिंता न होती
चंबल का पानी तो कब का आ जाता दोस्तों
बात-बात पर अगर कम्बख्त सियासत न होती
सुमित 'सुजान'

Monday, July 21, 2014

चुटकी

विराट के मन में उठी उमंग
विश्वकप में पहुंचा जाए अनुष्का संग
चढ़ा प्यार का ऐसा बुखार
खेलने का ही भूल गए ढंग
सुमित 'सुजान'

Sunday, July 20, 2014

चुटकी

राजनीति देखो कैसी खेल हो गई
'आप' के पाण्डे को जेल हो गई
चली थी पोस्टर वाली एक चाल
इसमें भी पार्टी बेचारी फेल हो गई
सुमित 'सुजान'

Thursday, July 17, 2014

चुटकी

राजनीति का देखो रंग,
अपनों ने भी छोड़ा संग।
पोखरण जैसी मिली विदाई,
देखकर हुए सारे दंग।

देखकर हुए सारे दंग,
मिलकर कैसा खेल खेला है।
इसलिए तो कहते हैं,
नेतागिरी बड़ा झमेला है।
           सुमित 'सुजान'

चुटकी

बात ये हुई फिर स्वीट्
'आप' ने किया ट्वीट
मौका दें हमें फिर से
अब नहीं करेंगे 'चीट'
सुमित 'सुजान'

Tuesday, July 15, 2014

चुटकी

वैदिक पहुंचे भारत पार
आतंकी पर उमड़ा प्यार
हुई थू-थू सारे जगत में
बुरी पड़ी अक्लमंदी की मार
सुमित 'सुजान'

Sunday, July 13, 2014

चुटकी

आलस छाया है कांग्रेस के चमन में
जनाधार खो रहे हैं देखो पूरे वतन में
अब किससे जाकर क्या कहा जाए
राहुल बाबा तक सो रहे हैं सदन में
सुमित 'सुजान'

Sunday, July 6, 2014

चुटकी

दिग्गी राजा की देखो चाल,
मुद्दा मिलते ही बिछाया जाल
रूठी जनता को अब मनाने,
किसानों संग करेंगे भूख हड़ताल
सुमित 'सुजान'

चुटकी

जिस तरह से आज साईं बाबा को लेकर बहस हो रही है, उसको देखकर मुझे लगता है कि हमें अभी से 'निर्मल बाबा' पर बहस करा लेनी चाहिए। यदि 100 वर्षों बाद किसी बाबा ने कुछ कह दिया तो पंगा हो जाएगा।
सुमित 'सुजान'

Wednesday, July 2, 2014

चुटकी

हमने तो सोचा था कि सत्संग के काफी सभ्य लोग आयेंगे
हमें क्या पता कि हमारी चप्पल ही चुरा ले जायेंगे
सत्संग में मैंने भी अपना सभ्यपन दिखाया
घर आते वक्त मैं भी किसी दूसरे की उठा लाया

चुटकी

न महंगाई से पीछा छुड़ाना है
 न काला धन वापस लाना है
हम देख रहे हैं सब तमाशा
तुम्हें तो सरकार चलाना है

चुटकी


   बयान
digvijay singh.JPG
दिग्विजय फिर बकवासबाज हो गए
मीडिया की सुर्ख़ियों में खास हो गए
करकरे का कातिल बताकर भाजपा को
सोनिया गाँधी के सर का ताज हो गए

चुटकी

आतंकवादियों की फेक्ट्री है पाकिस्तान
इस फेक्ट्री के कुछ मजदूर रहते हैं तालिबान
इन मजदूरों ने कई लोगो की ली है जान
इस फेक्ट्री को उड़ा दे हे हिन्दुस्थान

चुटकी

पुलिस की जीप सायरन बजाते हुए ही क्यों आती है
आने वाला आ रहा है
छुपने वालो छुप जाओ
हमें तो यही बात समझ आती है

चुटकी

मेरे घर चोर आया जितनी बार
मैंने उसे पकड़ा उतनी बार
चोर को पकडवाने में चौकीदार का काफी हाथ था
वो चिल्लाता था
रातभर जागते रहो
मै रातभर जागता था

चुटकी

सट्टे के सरे नोट चलाये हमने बट्टे में
एक दिन हम फँस गए एक रट्टे में
न दे पाए जब रिशवत किसी पुलिस वाले को
उसने फेंक दिया हमें सलाखों के गड्डे में

चुटकी

ठण्ड का मौसम आ गया
स्कूल की मेडमो को मज़ा आ गया
इस मौसम में वे डबल पैसे कमाती हैं
स्वेटर बुनने घर से ऊन और सिलाई ले आती हैं.

चुटकी

आपकी सुरक्षा हमारा धंधा है
थोड़े जुर्म कीजिये धंधा अभी मंदा है
आप क्या सोचते है आप पकड़ लिए जायेंगे
चिंता मत कीजिये हम आपको छुड़ा लायेंगे
आप जानते नहीं हमारा कानून कितना गन्दा है
जो बेगुनाह है उसके लिए फासी का फंदा है
जो जुर्म करे उसके लिए हमारा कानून अँधा है 

चुटकी

हमने सोच-सोचकर अपने बल उड़ा लिए
नाई के खर्चे कम करा लिए
अब जब जाते हम नाई के पास
वह हमसे रुपए लेता पूरे पचास
हमने उससे पूछा क्या बात है भाई
वह बोला यह बल ढूनने की मेहनत है भाई

चुटकी

तोप छाप बीडी हमेशा पीजिये
अपने शरीर के गुर्दे कम कीजिये
आप जल्दी इस दुनिया से उठ जायेंगे
अपनी बसियत जल्दी मेरे नाम कीजिये
सुमित 'सुजान'

चुटकी


गंगा नदी में हमने खूब मजे से नहाया
एक व्यक्ति ने जोरदार ठहाका लगाया
हमने उससे पूछा क्या बात है भाई ?
बोला वह, एक और पापी ने डुबकी लगाई

चुटकी



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लालूजी राजनीति छोडो
सभी आपसे रूठने लगे हैं
वोटरों कि अब क्या कहें
सभा के मंच तक टूटने लगे हैं

चुटकी



शुरू हो गया जांच का खेल
निकलेगी भ्रष्टचारियों की रेल
कॉमनवेल्थ का हुआ समापन
अब निकलेगा सबका तेल

चुटकी

भारतीय लोकतंत्र
तेरी किस्मत
कितनी खोटी है
पहले होती थी राजनीति
वोटों पर
अब नोटों पर होती है

चुटकी

आईपीएल की गिरी कमाई
आयोजकों ने जुगाड़ भिड़ाई
गंभीर,सचिन,गांगुली पे लगा जुर्माना
कर ली एक झटके मे कमाई
सुमित ‘सुजान’, ग्वालियर

चुटकी


सचिन को मिले भारत रत्न
हर कोई कर रहा है प्रयत्न
संसद में भी अब उठी है मांग
नेताओं को मिला काम का प्रश्न
सुमित’सुजान’, ग्वालियर

चुटकी


पाकिस्तानी क्रिकेट को करारा झटका
सात खिलाडिय़ों को बाहर पटका
देकर इनको बड़ी बुरी सजा
पीसीबी ने शर्मनाक प्रदर्शन गटका

चुटकी

 

पेट्रोल, डीजल के दम में
लगाकर बढोतरी का छोंका
सरकार ने फिर बड़ा धोखा
जनता ने फिर बुरी तरह कोसा

चुटकी












आदर्श सोसायटी घोटाले में
हिल गई चव्हाण की कुर्सी
काटे दिल्ली-मुंबई के चक्कर
निकल गई सारी फुर्ती

चुटकी

सूख गया शरीर, पिचक गए गाल
किसानो के लिए नेताजी की हड़ताल
सोनिया मैडम को है क्या जानकारी ?
चमचो से रोजाना करवा रहे पड़ताल

चुटकी

भ्रष्टाचार बहुत हो गया
कालेधन की बारी है
नेताओं ने बहुत लूटा
अब बाबाओ की बारी है

चुटकी

चली-चली फिर चली-चली
काली कमाई की चर्चा चली
टैक्स चोरों को जब ढूंढा
पकड़ा गया हसन अली

चुटकी

बनाने कांग्रेस को मजबूत
खुले हाथ से सबको ठूंसा
फिर सबने की गुटबाजी तो
चला जमकर लात घूँसा

चुटकी


जनता ने जब मुँह मोड़ा
बाबा ने अनशन तोडा
कांग्रेस की बेशर्मी देखो
हर किसी को पीछे छोड़ा
सुमित ' सुजान'

चुटकी

एक बाबा ने मचा दिया बबाल
दूसरे बाबा पर उठाकर सवाल
क्या करें सोच में हैं भक्त बेचारे
कौऐ चल रहे हैं हंस की चाल.
सुमित 'सुजान'

Monday, June 30, 2014

चुटकी

पहले रेल, अब तेल का दाम बढ़ गया.
मोदी सरकार का भी काम पिछड़ गया.
सोचा था आएंगे खुशहाली वाले दिन.
देखते-देखते घर का बजट भी बिगड़ गया.

Monday, June 23, 2014

चुटकी


प्यारी जनता के सपने टूट रहे हैं,
'अच्छे दिनों' के वादे भी फूट रहे हैं।
क्या सत्ता देकर कर दी कोई गलती,
अच्छे-अच्छे माथा अपना कूट रहे हैं।।

सुमित 'सुजान'

Saturday, June 21, 2014

चुटकी


  • हमारे देश का कानून भी अजीब है। एक ओर गरीब आदमी अपनी रिपोर्ट लिखवाने के लिए गिड़गिड़ाता है वहीं दूसरी ओर प्रिंटी जिंटा जिनके साथ 15 दिन पहले छेड़छाड़ हुई उसकी रिपोर्ट तुरंत लिख ली जाती है।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • जनता यूं ही गलतफहमी में थी कि 'अच्छे दिन आने वाले' हैं। जबकि यह नारा तो उस पार्टी के नेताओं के लिए था जो पिछले दस वर्षों से विपक्ष में बैठे हुए थे और आज सत्ता संभाल रहे हैं।
सुमित 'सुजान'

Saturday, June 14, 2014

चुटकी

  • ग्वालियर नगर निगम द्वारा 10 जनवरी 2013 को विकास दौड़ का आयोजन किया गया है। मैं कन्फ्यूजन में हूँ कि विकास दौड़ने से होता है या काम करने से।                                                    सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • दोस्तों मैंने भी एक सर्वे किया है। मेरे सर्वे के मुताबिक चुनाव समय से पहले हो जाएं या बाद में, लुटना जनता को ही है।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • वो तो अच्छा हुआ कि सोनिया जी की एक ही बेटी प्रियंका हैं। अगर चार-पांच बेटियां होतीं तो हमारे देश का नाम 'आजाद भारत' के बजाये 'दामाद भारत' होता।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • इस वक्त तो हमें 'रुपये' को राखी बांधनी चहिये, क्योंकि उसकी हालत ज्यादा ख़राब है।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • महंगाई बहुत है। जाने क्या होगा? हमने तो अपना दिमाग लगाना ही बंद कर दिया है बिल्कुल प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की ही तरह!! जैसे देश चल रहा है वैसे ही हम घर चला रहे हैं। मैडम जो कह दें, वही मान लेते हैं

चुटकी

  • कुछ लोग टोपी पहनाकर आगे बढ़ते थे, लेकिन आजकल कुछ लोग टोपी पहनकर आगे बढ़ रहे हैं।

सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • आदमी बहुत चालाक होता है। अपनी दीर्घायु के लिए तो 'करवाचौथ' की कथा बना ली। लेकिन पत्नी की दीर्घायु के लिए कोई कथा नहीं।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • भला हो नेताओं की पत्नियों का कि वह कभी भी बगावत नहीं करतीं। यदि सम्पत्ति को लेकर कभी बगावत हो जाए तो यकीन मानिये सारे नेता भिखारी नजर आएंगे।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • हमने हर बार चुनाव में गरीब को अमीर बनाने का काम किया। अब हमारे पास मौका है कि हम इस बार अमीरों को गरीब बना दें।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • चुनाव मतलब जातियों का संघर्ष। जिस व्यक्ति की जाति के लोग ज्यादा वही क्षेत्र का विधायक।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • हमने महिलाओं को इतना सक्षम बना दिया है कि वह अब किसी भी पुरुष को एक आरोप लगाकर असक्षम बना सकती हैं।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • हम किस देश से भ्रष्टाचार मिटाने की बात कर रहे हैं। एक ओर 'आप' को 28 सीटें मिलती हैं, दूसरी ओर वकील भाई लालू प्रसाद यादव को जेल से बाहर निकाल लाते हैं।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • जो ऋतिक रोशन कृष बनकर लोगों को परेशानियों से बचाता है, बेचारा अपने परिवार को ही नहीं बचा पाया।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • अन्ना जी कृपया आप अमर रहना। क्योंकि लोकपाल यदि भ्रष्ट हो गया तो उसे हटाने के लिए अनशन कौन करेगा।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • अन्ना हजारे लोकपाल के जरिए भ्रष्टाचार मिटाने की गारंटी तो ले रहे हैं लेकिन क्या इस बात की गारंटी ले सकते हैं कि लोकपाल 'भ्रष्ट' नहीं होगा।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • भारत जितनी तेजी से तरक्की कर रहा है, उसको देखकर मैं निश्चिततौर पर कह सकता हूं कि भविष्य में केवल दो ही प्रकार के लोग सुखी रह सकेंगे। पहले वे लोग जिनके बैंकों में खाते हैं, दूसरे वे लोग जो हर काम के लिए 'खाते' हैं।

सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • समय करवट लेता है। पहले अरविंद केजरीवाल को नायक बताने की कोशिश की जा रही थी अब उन्हीं के नेता ना 'लायक' बताने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • केजरीवाल के स्थान पर यदि कोई आम आदमी पुलिस के खिलाफ धरना देता तो यकीन मानिए वह चरस, गांजा बेचने के आरोप में अभी तक तो जेल में पहुंच गया होता।

सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • कांग्रेस ने हम गरीबों को इस लायक भी नहीं छोड़ा कि हमारे पास 2005 के नोट मिल जाएं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जिनके भी पास ऐसे नोट मिलेंगे वह कोई नेता, अधिकारी या बड़ा व्यापारी ही होगा।
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • राहुल गांधी को लगा कि जनता हमें कहीं 'नौ दो ग्यारह' न कर दे, इसलिए उन्होंने सिलेण्डरों की संख्या 12 करवा दी।
सुमित 'सुजान'

चुटकी

  • हमने अपनी बेईमानी के पाप यूं धो लिये
           एक पर्ची कटाई और 'आप' के हो लिये
सुमित 'सुजान'

चुनाव

 आ गया है वक्त अब दमदार नेता चुनने का
समय है देश की नई आकृति बुनने का
आप भी हो जाओ शामिल इस मिशन में
दुनिया को मौका दो भारत की बात सुनने का

सुमित 'सुजान' 

चुटकी

  • उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के निर्देशों पर हाथियों को ढंकने का काम एक बार फिर किया जा रहा है। मुझे एक बात बिल्कुल भी समझ नहीं आ रही है कि पॉलीथीन से हाथी ढंकने से हाथी क्या 'कुत्ता' बन जाता है। 
सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • अण्णा हजारे को मालूम था कि राजनीति में आते ही थप्पड़ पडेंग़े, इसलिए उन्होंने कोई पार्टी नहीं बनाई।

सुमित 'सुजान'

चुटकी


  • हे भगवान मुझे सब कुछ देना लेकिन 'आडवाणी' जी जैसा धैर्य मत देना.
' सुमित सुजान'

चुटकी


  • हमारे देश का कानून भी अजीब है। एक ओर गरीब आदमी अपनी रिपोर्ट लिखवाने के लिए गिड़गिड़ाता है वहीं दूसरी ओर प्रिंटी जिंटा जिनके साथ 15 दिन पहले छेड़छाड़ हुई उसकी रिपोर्ट तुरंत लिख ली जाती है।
सुमित 'सुजान'

Sunday, June 8, 2014

चुटकी

मुख्यमंत्री जी हम तो बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं लेकिन पहले अपने शिक्षकों को तो स्कूल लाने के लिए तो अभियान चलाइए।
सुमित ' सुजान'

Wednesday, March 19, 2014

गजल


हम अब मुस्कुराएंगे नहीं
जब तक वो हमें रुलाएंगे नहीं

रातें सारी यहीं बिताना हैं
जब तक मिलने वो आएंगे नहीं

तरीका सीख लो हमसे मोहब्बत करने का
फिर पूछोगे तो हम समझाएंगे नहीं

कह दो उनसे, यूं न बिखराएं अपनी जुल्फें
ऐसा करेंगे तो हम यहां से जाएंगे नहीं

सब उन्हीं से सीखा है

नफरत करना और मोहब्बत करना
सब उन्हीं से सीखा है
बात-बात पर यूं मचलना
सब उन्हीं से सीखा है

आज किसी के पास है
कल किसी के पास था
बार-बार ये दिल बदलना
सब उन्हीं से सीखा है

गज़ल

तेरे ख्याल जब आने लगते हैं
सच में हम बहुत दीवाने लगते हैं

तजुर्बा है मुझमे इक पल में दिल जीत लेने का
कुछ लोगों को इस काम में जमाने लगते हैं

चांद सितारों को देखने बार-बार छत पर आना
मेरी जान अब ये बहाने पुराने लगते हैं.

Tuesday, March 4, 2014

अजीब बात

कितनी अजीब बात है-मैं समाज के लिए जीना चाहता हूं लेकिन समाज मुझे जीने नहीं देता।

  • सुमित 'सुजान', ग्वालियर